मध्य प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों को कई वर्षों की नौकरी के बाद भी पदोन्नति का लाभ नहीं मिला पाया, जिसके चलते वे जिस पद पर भर्ती हुए थे, उसी पद पर सेवानिवृत्त हो रहे हैं। मध्य प्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा जबलपुर के जिलाध्यक्ष अटल उपाध्याय ने लिपिक और समयपालों को पूरे सेवाकाल में एक भी पदोन्नति न दिए जाने पर रोष व्यक्त किया है, उन्होंने कहा कि 40 वर्ष की नौकरी करने के पश्चात भी लिपिक और समयपाल जिस पद में भर्ती हुआ था, उसी पद से रिटायर हो रहे हैं, इन्हें पूरे सेवाकाल में एक भी प्रमोशन का लाभ नहीं मिल रहा है।
उन्होंने बताया कि योग्य अकाउंट, विभागीय परीक्षा पास लिपिक, डिग्रीधारी एवं डिप्लोमाधारी समयपाल को उपयंत्री के कार्य भी नहीं दिए जाते हैं, कार्यभारित स्थापना के समयपाल को सेवानिवृत होने के पश्चात अवकाश नगदीकरण का लाभ भी नहीं दिया जा रहा है, जबकि यह कर्मचारी नियमित स्थापना के कर्मचारियों के समान समस्त कार्य संपादित करते हैं। इसके अलावा लोक निर्माण विभाग, हिरण जल संसाधन, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग, पीआईयू, आरईइस एवं कुछ कार्यालयों के समयपालों को न्यायालय से आदेश होने के पश्चात अवकाश नकदीकरण एवं अन्य समस्त नियमित कर्मचारियों को मिलने वाले लाभ दिए गए हैं, लेकिन जिन समयपालों ने न्यायालय में प्रकरण दर्ज नहीं किया है उन्हें लाभ नहीं दिए गए हैं।
मध्य प्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के योगेन्द्र दुबे, अटल उपाध्याय, संतोष मिश्रा, अर्जुन सोमवंशी, अजय दुबे, बीरेंद्र तिवारी, संजय गुजराल, अरुण विश्वकर्मा, योगेन्द मिश्रा, अजय दुबे, सतीश उपाध्याय, चंदू जाउलकर, प्रशांत तिवारी, ब्रजेश मिश्रा, राजू मस्के ने अकाउंट पास, विभागीय परीक्षा पास लिपिक को वरिष्ठ पद का वेतनमान देने, समयपाल को नियमित स्थापना के समान अवकाश नगदीकरण एवं योग्यता के अनुसार उपयंत्री के पद के कार्य सौंपने की मांग की है।