दैनिक वेतन भोगी से स्थाई कर्मी बनाए गए प्रदेश के नॉन रेगुलर कैडर के कर्मचारियों को चतुर्थ श्रेणी के पदों पर नियमित किया जाएगा। इसके लिए सामान्य प्रशासन विभाग ने विभिन्न विभागों और सभी कलेक्टर को फॉर्मेट भेजकर 6 बिंदुओं में जानकारी मांगी है। जीएडी द्वारा जारी किए गए निर्देश में 7 अक्टूबर 2016 को जारी सर्कुलर का हवाला दिया गया है।
मध्य प्रदेश लघु वेतन कर्मचारी संघ प्रदेश महामंत्री अजय कुमार दुबे ने बताया कि इस सर्कुलर के बिंदु क्रमांक 2 के आधार पर स्थाई कर्मियों को प्राथमिकता के आधार पर चतुर्थ श्रेणी के पदों पर नियुक्ति देने की योजना बनाई गई है। मध्य प्रदेश लघु वेतन कर्मचारी संघ ने सरकार से मांग की थी।
संघ ने कई आंदोलन किया तथा पूर्व में प्रदेश के मुख्यमंत्री से चर्चा कर ज्ञापन भी दिया गया था। प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र शर्मा के मुताबिक 62 विभागों में खाली एक लाख से ज्यादा पदों पर स्थाई कर्मियों को नियमित करने की मांग मुख्यमंत्री अस्वस्थ कर आश्वासन दिया था। राज्य सरकार ने 7 अक्टूबर 2016 को प्रदेश के सरकारी विभागों में कार्यरत दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को स्थाई कर्मी कैडर के पद में शामिल किया था।
श्रेणीवार इनके वेतनमान भी तय किए गए थे। कुशल श्रमिक को 5000 वेतनमान 100 रुपए वेतन वृद्धि एवं 125% महंगाई भत्ता देने का प्रावधान किया था। अर्थ कुशल श्रेणी को 4500 का वेतनमान 100 रुपए वेतन वृद्धि और 125% डीए, अकुशल चरणी को 4000 का वेतनमान 100 रुपए वेतन वृद्धि और 125% महंगाई भत्ता देने के आदेश जारी किए थे।
सरकारी विभागों में रिक्त चतुर्थ श्रेणी के पदों पर प्राथमिकता के आधार पर नियमित करने के आदेश जारी किए थे, लेकिन सरकार की नौकरशाही ने विभागों में 15000 चतुर्थ श्रेणी के पद रिक्त होने के बाद भी 5 साल में किसी भी स्थाई कर्मी को इसका लाभ नहीं मिला।
संघ के राम कुमार मेहरा, रविकांत दहायत, प्रकाश सिंह चंदेले, यदु प्रसाद डेहरिया, संतोष प्रधान, नारायण प्रसाद पटेल, तुलसीराम सिंगारे, तेज लाल पटेल, विपिन पीपरे, सहदेव रजक, राजेंद्र चतुर्वेदी, महेंद्र साहू, संजय रजक आदि ने मांग की है कि सभी जिला कलेक्टर अति शीघ्र आदेश का क्रियान्वयन करा कर शासन को जानकारी भेजें।