Thursday, December 19, 2024
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छिंदवाड़ा में जिला अस्पताल के दो चिकित्सा अधिकारियों को नोटिस जारी

छिन्दवाड़ा (हि.स.)। कलेक्टर शीलेन्द्र सिंह ने शुक्रवार को जिला चिकित्सालय छिंदवाड़ा में अव्यवस्थाओं एवं मरीजों के साथ निरंतर हो रही घटनाओं में रोक नहीं लगाये जाने के कारण अधीक्षक सह सिविल सर्जन डॉ. महेन्द्र कुमार सोनिया एवं आरएमओ डॉ.संजय राय को कारण बताओ नोटिस जारी किए हैं। दोनों अधिकारियों को तीन दिन में इस सबंध में अपना लिखित उत्तर कलेक्टर कार्यालय में प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही कहा गया है कि निर्धारित समयावधि के भीतर उत्तर प्राप्त न होने की स्थिति में यह माना जाएगा कि इस सबंध में आपको कुछ नहीं कहना है तथा प्रकरण में एक पक्षीय निर्णय लेकर कार्यवाही प्रस्तावित कर दी जाएगी।

कलेक्टर ने दोनों चिकित्सा अधिकारियों को यह नोटिस अपने दायित्वों के प्रति लापरवाही करने और वरिष्ठ अधिकारियों के आदेश/निर्देशों की अवहेलना करने और उनका यह कृत्य शासकीय कार्यो के प्रति लापरवाही एवं अनुशासनहीनता का द्योतक होने के कारण मध्यप्रदेश सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम-1966 के प्रावधानों के अंतर्गत अनुशासनात्मक कार्यवाही करते हुए दो वेतन वृद्धियां रोके जाने के प्रस्ताव वरिष्ठ कार्यालय में प्रेषित करने के संबंध में जारी किये हैं।

कलेक्टर ने बताया कि डॉ. महेन्द्र कुमार सोनिया वर्ष 2022 से अधीक्षक सह सिविल सर्जन जिला चिकित्सालय छिंदवाड़ा के तथा डॉ. संजय राय वर्ष 2021 से आर.एम.ओ. जिला चिकित्सालय छिंदवाड़ा के प्रभार में है। जिला चिकित्सालय में उपचार के लिए आने वाले मरीजों एवं अस्पताल में भर्ती मरीजों का समय पर समुचित उपचार प्राप्त हो एवं पूरे जिला चिकित्सालय की बेहतर प्रबंधकीय एवं साफ-सफाई की व्यवस्था के लिए सक्षम अधिकारी है। जिले में निरंतर खराब स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर खबरें प्रकाशित हो रही हैं, जिसके कारण जिला प्रशासन की छवि धूमिल हो रही है।

इसी संबंध में विगत दिनों “जिला अस्पताल में मरीजों के पैर कुतर रहे चूहे” शीर्षक से खबरें प्रकाशित हुई है, जिसके आधार पर शुक्रवार को अपर कलेक्टर छिंदवाडा द्वारा निरीक्षण के उपरांत अपने जॉंच प्रतिवेदन के माध्यम से अवगत कराया गया है कि निरीक्षण के दौरान जिला चिकित्सालय के प्रथम तल पर स्थित आईसीयू सेक्शन के पास स्थित दो कक्ष के भर्ती मरीजों ने बताया कि उनके कक्ष में कभी-कभी छोटे-छोटे चूहे आ जाते हैं, ये चूहे खिडकी से खुली जाली से अंदर आते हैं और बाहर भाग जाते हैं, किंतु कभी भी ये चूहे किसी को नुकसान नहीं पहुंचाते हैं। प्रतिवेदन में यह भी अवगत कराया गया है कि अस्पताल के बाहर साफ-सफाई का अभाव है और मरीजों एवं उनके परिजनों द्वारा खाद्य सामग्री यहां-वहां फैक दी जाती है, जिसका प्रबंधन द्वारा त्वरित निस्तारण नहीं किया जाता है। इस कारण से बाहर के चूहे आकर्षित होकर खुले छेदों एवं जालियों से प्रवेश कर जाते हैं। चूहों का प्रवेश अधिकांश भूतल एवं प्रथम तल में ही पाया जाता है, इसलिये भूतल व प्रथम तल पर चूहों के प्रवेश नहीं करने के लिये सुरक्षात्मक, साफ-सफाई व जाली आदि की पूर्ण व्यवस्था कराये जाने का लेख किया गया है।

कलेक्टर ने बताया कि मेरे द्वारा भी इसके पूर्व जिला चिकित्सालय छिंदवाडा का स्वयं निरीक्षण किया गया एवं पाई गई अव्यवस्थाओं को सुधारने व मरीजों को समय पर समुचित उपचार दिए जाने तथा अस्पताल के बेहतर प्रबंधन के निर्देश दिए गये। इसके बावजूद अस्पताल की प्रबंधकीय व्यवस्था में किसी प्रकार का सुधार नहीं आया। डॉक्टरों की लापरवाही से मृत परिजनों, जनप्रतिनिधियों आदि के द्वारा विगत दिनों धरना आंदोलन भी किए गये हैं। जिला चिकित्सालय छिंदवाडा में अधीक्षक सह सिविल सर्जन एवं आर.एम.ओ. जैसे पद पर पदस्थ होने के बावजूद इस प्रकार जिला चिकित्सालय प्रबंधन की लापरवाही की शिकायतें व खराब स्वास्थ्य व्यवस्था पर एवं अस्पताल की नियमित साफ-सफाई पर आपका नियंत्रण नहीं होना इन अधिकारियों द्वारा शासकीय कार्यों के प्रति घोर लापरवाही का प्रतीक है।

अपर कलेक्टर द्वारा प्रस्तुत निरीक्षण प्रतिवेदन एवं मेरे द्वारा पूर्व में किए गये निरीक्षण के दौरान दिए गये स्पष्ट निर्देशों के बावजूद आपके द्वारा जिला चिकित्सालय छिंदवाडा की स्वास्थ्य व्यवस्था सुधारने का कोई प्रयास नहीं किया गया। विगत समय स्थानीय अखबारों में प्रायः जिला चिकित्सालय छिंदवाडा में जारी अव्यवस्थाओं व मरीजों को समुचित उपचार सही समय पर नहीं मिलने, अस्पताल की नियमित साफ-सफाई नहीं होने तथा मरीजों की डॉक्टरों की लापरवाही से मृत्यु के समाचार निरंतर प्रकाशित हो रहे हैं। अब गंदगी के कारण “जिला अस्पताल में मरीजों के पैर कुतर रहे चूहे” का समाचार प्रकाशित हुआ है। जिला चिकित्सालय में बेहतर स्वास्थ्य प्रबंधन व्यवस्था के लिये इन अधिकारियों द्वारा इसमें किसी प्रकार की योजना बनाकर भी कार्य नहीं किया जा रहा है।

जिला चिकित्सालय में पदस्थ चिकित्सकों का समय पर अस्पताल नहीं पहुंचना व समय से पहले घर चले जाने, उस पर आपका नियंत्रण नहीं होने, अस्पताल परिसर व प्रत्येक वार्डो की नियमित साफ-सफाई पर इनका ध्यान न होना, ना ही इनके द्वारा निरंतर जिला चिकित्सालय के वार्डो का निरीक्षण किया जा रहा है। जिला चिकित्सालय में इन सब लापरवाहियों और अपने वरिष्ठ अधिकारियों के आदेश/निर्देशों की अवहेलना करने पर, इन दोनों अधिकारियों को अनुशासनात्मक कार्यवाही के लिये कारण बताओ नोटिस जारी किये गये हैं।

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