मध्य प्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा जबलपुर संरक्षक योगेंद्र दुबे एवं जिलाध्यक्ष अटल उपाध्याय ने बताया है कि कुछ अधिकारी प्रदेश सरकार की किरकिरी करते हुए छवि खराब करने पर तुले हुए हैं। उन्होंने बताया कि कार्यपालन यंत्रियों ने अपने कार्यालयों में फरमान जारी किए हैं की हर माह वेतन से इनकम टैक्स काटा जाए, जबकि पूर्व वित्तीय वर्ष में अंतिम दो माह में आयकरदाताओं के मासिक वेतन से यह कटौतियां की गई थी। वहीं अनेक कार्यालय प्रमुख भी इस तरह के आदेश जारी करने की होड़ में लगे है।
उन्होंने बताया कि कर्मचारियों के हित के आदेश पर कार्यवाही ना करने वाले ये अधिकारी बैठक में दी गई राय को आधार बना कर कार्यवाही भी करने लगे हैं। इससे हजारों कर्मचारियों को आर्थिक रूप से परेशानी का सामना करना पड़ेगा। मध्य प्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष जितेंद्र सिंह ने बताया है कि अनेक कर्मचारियों ने आवास, वाहन, प्लाट या बच्चों की शिक्षा के लिए कर्ज ले रखे है, प्रत्येक माह कटौती से वेतन कम हो जायेगा जिससे किस्तों को भरपाई नहीं हो सकेगी, तीन माह की किस्तें कम रासी की बनवाई गई है।
इस तरह का आदेश हिरन जल संसाधन जबलपुर संभाग के कार्यपालन यंत्री ने जारी भी कर दिया है, आदेश कमांक 1487/ स्था0/ 2023 दिनांक 24/5/23 में निर्देश दिए गए है कि आयकर कटौतियों के दायरे में आने वाले समस्त अधिकारियों और कर्मचारियों को जानकारी दी गई है कि दिनांक 23.05.2023 को आयकर कार्यालय में हुई बैठक में प्राप्त जानकारी के अनुसार आयकर शेष वित्तीय वर्ष के अंतिम 2 माह के स्थान पर वर्ष भर में प्रत्येक माह के वेतन से समान किस्तों में राशियां काटी जाना है।
आदेश में कहा गया है की निर्देशानुसार गत वर्ष आयकर दाता द्वारा जमा कर में 10% की वृद्धि कर 10 किस्तों में माह मई के वेतन से काटा जाना प्रारंभ किया जा रहा है, यदि किसी कर्मचारी को आयकर में कमी एवं छूट लेना हो तो प्रमाण के साथ स्थापना शाखा में दिसम्बर 2023 में छूट के प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना सुनिश्चित करे, अन्यथा छूट नहीं दी जाएगी, प्रमाण पत्रों को अमान्य करते हुए बचा हुआ आयकर वेतन से काटा जावेगा।
मध्य प्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा जबलपुर जिलाध्यक्ष अटल उपाध्याय, संतोष मिश्रा, विश्वदीप पटेरिया, नरेश शुक्ला, देवदोनेरिया, धीरेंद्र सिंह, रविकांत दहायत, योगेंद्र मिश्रा, सतीश उपाध्याय, अजय दुबे, नरेंद्र सैन, सुरेंद्र जैन, संदीप नेमा, विनय नामदेव, दुर्गेश पाण्डे, बृजेश मिश्रा, गोविन्द विल्थरे, एस.पी. बाथरे, वीरेन्द्र चन्देल ने शासन के निर्देश ना होने के पश्चात कार्यपालन यंत्रियों द्वारा जारी यह निर्देश अफसर शाही को दिखा रहा है, मोर्चा आदेश को शासन की छवि खराब करने वाला आदेश मानते हुए, कर्मचारियों के विरोध वाली इस कार्यवाही को तत्काल रोकने के साथ जारी किए गए निर्देशों को निरस्त करने की मांग करता है। मोर्चा पदाधिकारी इस संबंध में आयकर अधिकारियों से मिलकर समस्या के निदान की मांग करेगा।