मप्र तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने जारी विज्ञप्ति में कहा कि स्कूल शिक्षा विभाग में नित्य नये प्रयोग होते रहते है, इसी क्रम में कई बर्षो बाद पुनः कक्षा 5वीं एवं 8वीं की बोर्ड परीक्षायें बिना किसी पूर्व तैयारी के कराई जा रही हैं। बोर्ड परीक्षा में परीक्षार्थीयों के परीक्षा केन्द्र परिवर्तित करते हुए दूरी, जिस विद्यालय में परीक्षा केन्द्र बनाया गया है, उस विद्यालय में बैठक व्यवस्था आदि सुविधाओं का ध्यान नहीं रखा गया है। जिस कारण परीक्षा केन्द्रों में भारी अव्यवस्थायें देखी जा रही हैं।
इसके साथ ही प्रश्न पत्र के लिफाफे पर गलत विषय के साथ गलत दिनांक अंकित होने के कारण दो पेपर दूसरे विषय के खोल लिये गये। फिर आनन-फानन में परीक्षा केन्द्रों पर पुनः सही विषय का प्रश्न पत्र दिया गया, जिसमें घण्टों समय की बरबादी हुई। पर्यवेक्षक, केन्द्राध्यक्ष के साथ बच्चों को भी परेशान होना पड़ा। जब आगामी तिथि पर होने वाली परीक्षा के प्रश्न पत्र पहले ही खोले जा चुके हैं, तब ऐसी स्थिति में बोर्ड परीक्षा महज एक औपचारिकता बन कर रह गई है। जो शिक्षा विभाग के आला अधिकारियों की अंधेरगर्दी को प्रदर्शित करती है।
संघ के योगेन्द्र दुबे, अर्वेन्द्र राजपूत, अवधेश तिवारी, अटल उपाध्याय, संजय यादव, गोविन्द विल्थरे, आरके परोहा, आलोक अग्निहोत्री, वीरेन्द्र चन्देल, एसकृपी. बाथरे, बृजेश मिश्रा, मनोज सिंह, चूरामन गुर्जर, एसके बांदिल, रजनीश तिवारी, पवन श्रीवास्तव, एसके त्रिपाठी, सुधीर पण्डया, चंदु जाउलकर, उमेश पारखी, विट्टू आहलूवालिया, शंकर भाई, अंकुर प्रताप सिंह आदि ने प्रदेश के शिक्षा मंत्री को ईमेल भेजकर मांग की है कि बोर्ड परीक्षा को मजाक बनाने वाले अधिकारियों पर सख्त अनुशासनात्मक कार्यवाही की जावे।