Friday, October 18, 2024
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छलावा साबित हुई एमपी के शिक्षा विभाग की ऑनलाइन स्थानांतरण पालिसी

शिक्षकों के स्थानांतरण के नाम पर शिक्षा विभाग का झुन – झुना

ऑनलाईन स्थानांतरण शिक्षकों के साथ छलावा ?

मप्र तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने जारी विज्ञप्ति में बताया की स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा शिक्षकों एवं गैर शिक्षकीय अमले के लिए 30 सितम्बर 2022 से 10 अक्टूबर के मध्य स्थानांतरण आवेदन एजुकेशन पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन करने तिथि दी गई तथा प्रदेश स्तर से 21 अक्टूबर 2022 तक ऑनलाइन स्थानांतरण आदेश जारी करने की तिथि घोषित की गई थी।

शिक्षा विभाग द्वारा जारी आंकडों के अनुसार 43000 शिक्षकों द्वारा ऑनलाइन स्थानांतरण के आवेदन किये गये थे, जबकि विभाग द्वारा 24000 हजार स्थानांतरण आदेश जारी किये गये हैं। शिक्षा विभाग द्वारा स्थानांतरण में क्या मापदण्ड निर्धारित हैं, इसका कोई उल्लेख नहीं है जो शिक्षक वास्तव में गंभीर रूप से बीमार थे, उनके स्थानांतरण आदेश जारी नहीं किये गये हैं।

इसी प्रकार लिपिक संवर्ग एवं भृत्य संवर्ग के ऑफलाईन स्थानांतरण आदेश आज तक जारी नहीं किये गये हैं। संघ का आरोप है कि शिक्षा विभाग की तथाकथित ऑनलाइन स्थानांतरण पालिसी शिक्षकों एवं कर्मचारियों के साथ छलावा है। शिक्षा विभाग की इस अंधेरगर्दी से शिक्षकों में भारी आक्रोश व्याप्त है।

संघ के योगेन्द्र दुबे, अर्वेन्द्र राजपूत, अवधेश तिवारी, संजय यादव, मुकेश सिंह, आलोक अग्निहोत्री, दुर्गेश पाण्डे, बृजेश मिश्रा, योगेन्द्र मिश्रा, गोविन्द विल्थरे, रजनीश तिवारी, पवन श्रीवास्तव, चन्दु जाउलकर, शंकर वानखेडे, बिट्टू आहलूवालिया, उमेश पारखी, विपिन शर्मा, वीरेन्द्र तिवारी, धनश्याम पटैल, रमेश उपाध्याय, साहिल सिद्दीकी, गोपाल नेमा, प्रशांत श्रीवास्तव, कमलेश यादव, पंकज शर्मा, राकेश तिवारी आदि ने प्रदेश के मुख्यमंत्रीको ईमेल भेजकर मांग की है कि शिक्षा विभाग में शिक्षकों व कर्मचारियों के स्थानांतरण में हुए घोटाले की उच्च स्तरीय जांच कराई जावे।

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