मध्य प्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा संरक्षक योगेंद्र दुबे एवं जिला अध्यक्ष अटल उपाध्याय ने बताया कि कजरवारा सरकारी स्कूल प्रांगण कबाड़खाना बना हुआ है, गिरे हुए मकान के खपड़े यहां रखें हुए है, बाउंड्री वाल का गेट पिछले एक वर्ष से टूटा पड़ा है। शिक्षा विभाग के अधिकारियो की लापरवाही के कारण स्कूल परिसर जानवरों के बैठने की जगह बना हुआ है। अधिकारी ही प्रदेश सरकार की छवि खराब कर रहे है।
उन्होंने बताया कि स्कूल के पीछे शराब पीने की डिस्पोजल, बॉटल, नमकीन के पैकेट, प्लेटें और गांजे, जुए की फटी पत्तियों बिखरी पड़ी रहती हैं। गेट नहीं होने से असमाजिक तत्व पेड़ सुरक्षित रखने के लिए लगाए 10 ट्री गार्ड तक उखाड़ कर ले गए। देखरेख के अभाव में स्कूल प्रांगण बच्चों के खेलने के स्थान पर अतिक्रमण और तफरीह की जगह बन गया है।
वहीं स्कूल अमले के वाहन खुले में रखे रहते है, साथ ही इस कारण स्कूल के रिकार्ड भी खतरा भरे है। बच्चों के खेलने का मैदान कबाड़ रखने के काम आ रहा है। स्कूल में बिजली का मीटर नहीं लगा है, जिससे अन्धेरे का सहारा लेकर बस्ती और दवा दुकान वाले अपने गंदे समान को यहां फेंक रहे है। विभाग में शिकायतों के पश्चात भी सुधार नहीं हो रहा है, लापरवाह अधिकारियों पर कड़ी कार्यवाही होना चाहिए।
मध्यप्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा संरक्षक योगेन्द्र दुबे, जिला अध्यक्ष अटल उपाध्याय, संजय गुजराल, देव दोनेरिया, प्रशांत सोधिया, धीरेंद्र सिंह, विश्वदीप पटेरिया, नरेश शुक्ला, संतोष मिश्रा, मुकेश मरकाम, यूएस करोसिया, प्रदीप पटेल, अजय दुबे, रवि बांगड़, पीएल गौतम, विनय नामदेव, दुर्गेश पाण्डे, संदीप नेमा ने सरकारी स्कूल में कबाड़खाने को न हटवाने वालों की घोर निन्दा करते हुए दोषी जिला शिक्षा अधिकारी के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही की मांग की है।