मध्य प्रदेश की बिजली कंपनियों की मैदानी स्थिति हर कोई अवगत है। अनुभवी नियमित लाइन स्टाफ की कमी, सुरक्षा उपकरणों, संसाधनों का अभाव और मैदानी अधिकारियों का बेजा तनाव लाइन कर्मियों का क्षण-प्रतिक्षण मौत के मुंह में धकेल रहा है। बिना सुरक्षा उपकरण जोखिम का कार्य करने वाले लाइन कर्मी अगर करेंट से बच जाते हैं तो अधिकारियों के बेजा दबाव के कारण उत्पन्न तनाव से बीमार होकर मौत का शिकार होने के लिए विवश हैं। जैसे-तैसे इन परिस्थितियों से सामंजस्य बिठा कर कार्य कर रहे लाइन कर्मियों के साथ अधिकारियों द्वारा किया जा रहा दमनकारी अभद्र व्यवहार और गाली-गलौच के कारण लाइन कर्मी खुद को शोषित अनुभव करते हैं और कंपनी प्रबंधन द्वारा ऐसे अधिकारियों पर कार्यवाही नहीं किए जाने से लाइन कर्मियों का मनोबल टूट रहा है और उनमें निराशा व्याप्त है।
मध्य प्रदेश विद्युत मंडल तकनीकी कर्मचारी संघ के प्रांतीय महासचिव हरेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि संघ के संज्ञान में आया है कि जिला नरसिंहपुर के अंतर्गत 22 मार्च 2023 को करकबेल के पास आउटसोर्स कर्मी रेवाराम कुशवाहा को अधिकारी के द्वारा 33*11 केवी सब-स्टेशन से 11 केवी लाइन बंद करके 11 केवी के पोल में चढ़ाकर कार्य कराया जा रहा था, इसी दौरान 11 केवी सप्लाई चालू हो गई और आउटसोर्स कर्मी करेंट की चपेट में आ गया और उसकी मौके पर ही मौत हो गई।
हरेंद्र श्रीवास्तव ने कहा कि ये जांच का विषय है कि परमिट लेने के बावजूद लाइन कैसे चालू हो गई। परमिट लेने के बाद कार्य पूरा होने तक लाइन बंद रखने की पूरी जिम्मेदारी उस अधिकारी की होती है, जिसने सब-स्टेशन से परमिट लिया था। साथ ही अधिकारी की ये भी जिम्मेदारी होती है कि कार्य पूरा करने के बाद कर्मी पूरी तरह से सुरक्षित पोल से नीचे उतर आया कि नहीं। उसके बाद ही परमिट कैंसिल किया जाता है। इसमें बहुत बड़ी चूक हुई और एक आउटसोर्स कर्मी की जान चली गई।
वहीं एक अन्य मामले में लाइन कर्मी के साथ अधिकारी अभद्रता कर गाली गलौज कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे ऑडियो में साफ सुना जा सकता है कि अधिकारी द्वारा बहुत ही अशिष्ट व्यवहार करते हुए अपमानित करते हुए अभद्रता की जा रही है और गंदी-गंदी गालियां दी जा रही है। ये तो एक उदाहरण है, अमूमन हर लाइन कर्मी को अधिकारियों के इस तरह का व्यवहार से गुजरना होता है।
तकनीकी कर्मचारी संघ के हरेंद्र श्रीवास्तव, मोहन दुबे, राजकुमार सैनी, अजय कश्यप, विनोद दास आदि ने इसका तीव्र विरोध करते हुए पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी प्रबंधन से मांग की है कि जमीनी अधिकारियों को निर्देशित किया जाए कि कर्मियों के साथ अभद्रता और गाली-गलौच ना करें। करंट का कार्य कराते समय सभी सुरक्षा उपकरण उपलब्ध करते हुए इनका उपयोग करने के लिए कहें। इसके साथ ही कार्य के दौरान करंट से हुई आउटसोर्स कर्मी की मौत के जिम्मेदार अधिकारी के ऊपर कार्यवाही की जावे। वहीं सोशल मीडिया में वायरल हो रहे ऑडियो में कौन अधिकारी कर्मी के साथ अभद्रता कर रहा है, इसकी सूक्ष्मता जांच कर उस अधिकारी पर कार्यवाही की जाये।