मध्य प्रदेश की विद्युत कंपनियों में कार्यरत आउटसोर्स कर्मी किन आर्थिक परेशानियों से गुजर रहे हैं, इसका अंदाजा न तो विद्युत कंपनियों के प्रबंधन को है और न ही ठेका कंपनियों को है। वर्षों से विद्युत कंपनियों में अपनी सेवायें दे रहे आउटसोर्स कर्मी अब आर्थिक परेशानियों से त्रस्त हो कर जानलेवा कदम तक उठा रहे हैं।
कोरोना काल में अग्रिम पंक्ति में रहकर प्रदेश की विद्युत व्यवस्था को सुचारू रखने वाले आउटसोर्स कर्मियों का लगातार शोषण किया जा रहा है, जिससे वे खासे तनाव हैं। उन्हें सरकार से कोई मदद नहीं मिल रही है, जिसके कारण वे आर्थिक बदहाली में रहने के लिये मजबूर हैं और कर्ज लेकर गुजारा करने के लिये विवश हो रहे हैं।
वहीं जानकारी के अनुसार इंदौर में कर्ज से परेशान होकर बिजली कंपनी के 23 वर्षीय आउट सोर्स कर्मी देवांश मेहता ने फांसी लगा कर आत्महत्या कर ली। बताया जा रहा है कि इंदौर के सांवरिया नगर में वाला देवांश मेहता संगम नगर जोन के पावर हाउस में पदस्थ था। उस पर 60-70 हजार रुपए का कर्ज हो गया था। उसके मोबाइल में एक चैटिंग टेक्स्ट मिला है, जिसमें लिखा है कि मैंने इतना कर्ज ले रखा है कि किसी को मुंह नहीं दिखा सकता।