मध्यप्रदेश में आउटसोर्स बिजली कर्मियों के आंदोलन के दौरान मध्यप्रदेश में पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में 162, मध्य क्षेत्र कंपनी में 580 तथा पश्चिम क्षेत्र कंपनी में 144 एवं ट्रांसमिशन कंपनी में 52 आउटसोर्स कर्मचारियों सहित कुल 980 आउटसोर्स बिजली कर्मचारियों को नौकरी से निकाल कर रोजी रोटी से मोहताज कर दिया गया है। जिसे लेकर आउटसोर्स कर्मचारी कल शुक्रवार 10 फरवरी को उज्जैन के महाकाल मंदिर से भोपाल तक पदयात्रा निकालेंगे।
बिजली आउटसोर्स कर्मचारी संगठन के प्रांतीय संयोजक मनोज भार्गव, प्रदेश महामंत्री राहुल मालवीय यादवेंद्र पटेल, अमित गुप्ता, शेख शारिक एवं सतीश साहू के नेतृत्व में पदयात्रा प्रारंभ होगी। जिसके बाद पांच सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल मुख्यमंत्री निवास पर जाकर उन्हें ज्ञापन सौंपेगा। आवश्यकता पड़ने पर यह कर्मचारी भूख हड़ताल की तैयारी में है। इस पदयात्रा में 17 साल की ठेका प्रथा के दौरान अब तक मृतक कर्मचारी के परिजन और अपंग हुए कर्मचारी परिवार सहित आंदोलन में शामिल होंगे।
मनोज भार्गव ने बताया कि बिजली आउटसोर्स कर्मचारियों को यदि नौकरी से निकाला जाएगा तो हम भारत को दिव्य एवं भव्य भारत कैसे बनाएंगे। एक ओर मध्य प्रदेश सरकार रोजगार दिवस मना रही है, वहीं दूसरी ओर बिजली अधिकारी आउटसोर्स कर्मचारियों को नौकरी से हटा कर बेरोजगारी फैला रहे हैं। मध्यप्रदेश में नियम अनुसार 5 वर्ष में होने वाला न्यूनतम वेतन 7 वर्ष बीत जाने के बाद भी अब तक रिवाइज नहीं किया गया है। इस बात से परेशान कर्मचारियों की वेतन रिवाइज एवं विभागीय संविलियन की मांग मानने के बजाए, उन्हें नौकरी से निकालना, बर्खास्त कर काली सूची में डालना अमानवीय, अलोकतांत्रिक,व अन्याय पूर्ण प्रक्रिया है। जिसको शोषित कर्मचारी मुख्यमंत्री के संज्ञान में लाना चाहते हैं, इसलिए वह मजबूरन पुनः आंदोलन की राह पर है।