मध्य प्रदेश में आगामी नगरीय निकायों के चुनाव में ईव्हीएम और त्रि-स्तरीय पंचायतों के चुनाव में मतपत्र और मतपेटियों का उपयोग किया जाएगा। पंचायतों का चुनाव भी ईवीएम से करवाने पर 3 माह से अधिक समय लगेगा, क्योंकि ईवीएम की संख्या सीमित है। इसलिए मतपेटियों के माध्यम से पंचायतों का चुनाव कराने का निर्णय लिया गया है। राज्य निर्वाचन आयुक्त बसंत प्रताप सिंह ने यह बात कलेक्टर्स के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से निर्वाचन तैयारियों की समीक्षा के दौरान कही।
राज्य निर्वाचन आयुक्त ने कहा कि नगरीय निकायों के चुनाव 2 चरण में और पंचायतों के चुनाव 3 चरण में करवाये जायेंगे। उन्होंने कहा कि दोनों चुनाव साथ में कराना है, इसलिए ऐसी तैयारी करें कि किसी भी प्रकार की कठिनाई नहीं हो। बीपी सिंह ने कहा कि कोई भी समस्या हो, तो मुझे अथवा सचिव राज्य निर्वाचन आयोग को तुरंत बताएँ।
उन्होंने कहा कि संवेदनशील और अति-संवेदनशील मतदान केन्द्रों की समीक्षा कर जानकारी जल्द आयोग को उपलब्ध कराएँ। निर्वाचन प्रक्रिया में सूचना प्रौद्योगिकी का समुचित उपयोग करें। नगरीय निकाय निर्वाचन के लिये चुनाव मोबाइल एप का व्यापक प्रचार-प्रसार करें।
बीपी सिंह ने कहा कि नवीन प्रावधानों के अनुरूप पार्षदों के निर्वाचन व्यय के लेखा का संधारण व्यवस्थित रूप से करवाएँ। उन्होंने कहा कि रिजर्व ईव्हीएम सुरक्षित तरीके से निर्धारित स्थानों पर ही रखवाएँ। सभी कलेक्टर्स चुनाव सामग्री की उपलब्धता की समीक्षा कर लें। मतदान पेटी का मेंटेनेंस करवा लें। मतपत्र मुद्रण के लिये सभी तैयारियाँ पहले से कर ली जाये।
सचिव राज्य निर्वाचन आयोग राकेश सिंह ने कहा कि रिटर्निंग और सहायक रिटर्निंग अधिकारी की नियुक्ति कर आयोग को सूचित करें। जिम्मेदार अधिकारियों से मतदान केन्द्रों का सत्यापन कराएँ और आवश्यकता अनुसार उनकी मरम्मत करवा लें।
इसके अलावा राजनैतिक दलों के साथ समय-समय पर बैठक आयोजित करें। मतगणना स्थल का निर्धारण कर आवश्यक व्यवस्थाएँ सुनिश्चित करें। जिला, नगरीय निकाय एवं ब्लाक स्तर पर ट्रेनिंग के लिये मास्टर ट्रेनर्स का चयन कर लें।
बैठक में ईव्हीएम, सूचना प्रौद्योगिकी, सामग्री प्रबंधन और प्रशिक्षण के संबंध में भी जानकारी दी गई। जिला निर्वाचन अधिकारियों की शंकाओं का समाधान भी किया गया। ओएसडी दुर्ग विजय सिंह, उप सचिव अरूण परमार सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।