मुख्यमंत्री के आदेश को धत्ता बता रही बिजली कंपनियां, कम नहीं हो रही संविदा एवं आउटसोर्स कर्मियों की समस्या

मध्य प्रदेश विद्युत मंडल तकनीकी कर्मचारी संघ के प्रांतीय महासचिव हरेंद्र श्रीवास्तव ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर कहा है कि प्रदेश के 52 जिलों की विद्युत व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाएमान रखने के लिए नियमित, संविदा एवं आउटसोर्स कर्मचारियों की अहम भूमिका होती है। इनमें से संविदा कर्मचारियों की महा पंचायत बुलाकर आपके द्वारा 4 जुलाई 2023 को इनकी मांग पूरी कर दी गई, इसके लिए संघ आपको हृदय से साधुवाद देता है।

साथ ही संघ आपका ध्यान इस ओर भी आकर्षित कराना चाहता है कि कर्मचारियों के द्वारा हड़ताल में शामिल होने पर संविदा सेवा एवं अनुबंध की शर्तो की कंडिका क्रमांक 7.3.1 (च) के अनुसार गंभीर अपराध की श्रेणी में लेकर सेवा समाप्ति हेतु कारण बताओं पत्र जारी किये गये थे एवं हड़ताल के बाद जो भी नवीन अनुबंध किये जा रहे है उन सभी में कंडिका क्रमांक 7.3.1 (च) के अनुसार बिना कारण बताओं नोटिस के सेवा समाप्ति की चेतावनी दी जा रही है, जिस पर संविदा अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने अपनी भूल स्वीकार कर अंतिम अवसर प्रदान करने की याचना कर अपनी सेवायें जारी रखी एवं इसके बावजूद उनके पुनः अनुबंध में नवीनीकरण करने के लिए मानसिक एवं आर्थिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है और उन्हें अंतिम अवसर प्रदान कर हिदायत दी गई है कि भविष्य में दोबारा कभी अपने अधिकारों के लिए आन्दोलन न करें।

इसके अलावा आपके द्वारा 14 जुलाई 23 को अपने आवास में उन 1028 आउटसोर्स कर्मियों, जिन्हें विद्युत कंपनियों द्वारा ब्लैक लिस्टेट कर बाहर कर दिया गया था, उन्हें बुलाकर वापस रखने के दिशा निर्देश जारी किये गये थे, किन्तु आज दिनांक तक ना तो प्रमुख सचिव ऊर्जा एवं विद्युत मण्डल की कंपनी प्रबंधनों के द्वारा 1028 आउट सोर्स कर्मचारियों को वापस रखने के दिशा निर्देश जारी किये गये हैं।

अतः कर्मचारी संघ निवेदन करता है कि मप्र राज्य विद्युत मण्डल की सभी उत्तरवर्ती कंपनियों में 15 वर्षो से लगातार सेवानिवृत्त होने की वजह से अत्याधिक जोखिम का कार्य करने वाले लाईनमेनों की कमी हो गई है, उस कमी को पूरा करने के लिए 50 हजार से अधिक आउटसोर्स कर्मचारी भर्ती कर लिये हैं, जिनको जोखिम का कार्य करने का अधिकार नहीं है, जमीनी अधिकारियों के द्वारा जबरदस्ती कार्य कराने से सैकड़ो की तादाद में उनकी मृत्यु हो जाने की वजह से उनका परिवार आर्थिक परेशानी में घिर चुका है, उनका न बीमा किया जा रहा और न अनुकम्पा नियुक्ति दी जा रही है।

संघ निवेदन करता है कि आउटसोर्स कर्मचारियों का जीवन एवं उनके परिवार के सदस्यों का जीवन सुरक्षित रखने के लिये, मानव संसाधन नीति बनाई जावे एवं सभी आउटसोर्स कर्मचारियों काविद्युत कंपनियों में संविलियन किया जावे एवं ठेकेदारी प्रथा समाप्त कि जावे। वहीं संविदा कर्मचारियों का एक माह से ज्यादा हो गये है, अनुबंध समाप्त हुये जबकि कंपनी प्रबंधनों के द्वारा आदेश निकाले गये है कि तीन दिन के अंतराल के बाद अनुबंध बढ़ा दिये जायेगें, किन्तु आज तक नहीं बढ़ाये गये है। जब आपके द्वारा प्रदेश के संविदा कर्मचारियों की अनुबंध व्यवस्था समाप्त करने की घोषणा की जा चुकी है तो उस आदेश पर कार्यवाही क्यों नहीं की जा रही।

संघ निवेदन करता है कि हड़ताल में शामिल हुये संविदा कर्मचारियों को दण्डनात्मक कार्यवाही करने से मुक्त किया जावे, संविदा कर्मचारियों का अनुबंध बढ़ाया जावे, 1028 आउटसोर्स कर्मचारियों को विद्युत कंपनी में पुनः वापिस रखने के लिये दिशा निर्देश जारी करवाने की कृपा करें।