देश के सरप्लस बिजली वाले राज्यों में मध्यप्रदेश को अग्रणी श्रेणी में शामिल कराने वाले बिजली कंपनियों में कार्यरत हर श्रेणी के अधिकारी और कर्मचारी व पेंशनर्स आज अपने वेतन, पेंशन और भत्तों के लिए तरस रहे हैं। विद्युत पेंशनर्स को दशहरा और दीपावली जैसे महान पर्व पर अभी तक पेंशन की राशि का भुगतान नहीं किया गया है।
वहीं बिजली कंपनियों के पास दूसरे अन्य भुगतान के लिए फंड है। हमारे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान हर भाषण में कहते हैं कि राज्य में पैसे कि कमी नहीं है फिर पेंशनर्स को पेंशन देने के लिए फंड क्यों नहीं है। इससे तो लग रहा है प्रदेश की बिजली कंपनियां कंगाली की हालत में पहुंच गई हैं या फिर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की सरकार को बदनाम करने और सरकार के खिलाफ आंदोलन खड़ा करने की साज़िश रची जा रही है।
प्रदेश में 11 अक्टूबर को प्रधानमंत्री का आगमन हो रहा है ऐसे समय पर पूरे राज्य के बिजली कंपनियों के पेंशनर्स को पेंशन का भुगतान ना कर बिजली कंपनियां क्या प्रदर्शित कराना चाहती हैं। प्रदेश की बिजली कंपनियों के कार्मिकों के पेंशन फंड को संचालित करने वाली मध्यप्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी ने एक आदेश निकाल कर पेंशनरों को सितंबर माह की पेंशन देने में असमर्थता जताते हुए हाथ खड़े कर दिए हैं वहीं जानकारों का कहना है कि यही स्थिति रही तो आने वाले दिनों में सेवारत कार्मिकों को वेतन देने के भी लाले पड़ जाएंगे।
पावर ट्रांसमिशन कंपनी के चीफ फाइनेंसियल ऑफिसर की ओर से अन्य सभी बिजली कंपनियों के चीफ फाइनेंसियल ऑफिसर्स को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि सितंबर 2022 माह की पेंशन के भुगतान के संबंध में, यह सूचित किया जाता है कि एमपीपीटीसीएल को सितंबर 2022 (अगस्त 2022 के लिए) में ट्रांसमिशन शुल्क बिलों की बढ़ी हुई राशि 392.99 करोड़ रुपए के मुकाबले केवल 35 करोड़ रुपए प्राप्त हुए हैं। उपरोक्त को ध्यान में रखते हुए, हम टर्मिनल बेनिफिट ट्रस्ट को तब तक पेंशन का भुगतान करने में असमर्थ हैं, जब तक कि कंपनी को डिस्कॉम से पर्याप्त धन प्राप्त नहीं हो जाता।
मध्यप्रदेश विधुत कर्मचारी संघ फेडरेशन ने प्रदेश के मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि वह बिजली कंपनियों के पेंशनर्स की सितंबर माह की पेंशन राशि का भुगतान तत्काल कराए, जिससे पेंशनर्स भी अपने परिवार का भरण पोषण कर सकें और हर्षोल्लास के साथ त्योहार मना सकें।