मध्य प्रदेश विद्युत मंडल तकनीकी कर्मचारी संघ के प्रांतीय महासचिव हरेंद्र श्रीवास्तव ने कहा है कि संघ ने मध्य प्रदेश राज्य विद्युत मंडल की सभी कंपनियों के प्रबंधकों से मैनपावर की कमी को पूरा करने के लिए तकनीकी कर्मचारियों की नियमित भर्ती करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि बिजली कंपनियों की अदूरदर्शिता और मैनपावर की कमी के कारण प्रदेश की विद्युत व्यवस्था लगातार बिगड़ रही है।
उन्होंने बताया कि वर्ष 2000 में मध्य प्रदेश एवं छत्तीसगढ़ का बंटवारा हुआ था, तब मध्य प्रदेश विद्युत मंडल के पास 72 हजार अधिकारी कर्मचारी बचे हुए थे। आज की स्थिति में देखा जाए तो इन 22 वर्षों में अधिकारियाें-कर्मचारियों के सेवानिवृत्त होने के बाद सभी कंपनियों में लगभग 36 हजार कार्मिक ही बचे हैं। जिसके कारण अधिकारियाें-कर्मचारियों के ऊपर कंपनी प्रबंधन के द्वारा अनेक प्रकार के कार्य सौंप दिए गए हैं।
हरेंद्र श्रीवास्तव ने कहा कि काम की अधिकता और अवकाश नहीं मिलने के कारण अधिकारी-कर्मचारी तनावग्रस्त हो रहे हैं, जिसका विपरीत असर उनके स्वास्थ्य पर पड़ रहा है। इसके अलावा मानसिक रूप से परेशान कर्मचारियाें के साथ कार्य दौरान करंट लगकर दुर्घटना होने की घटनाएं भी बढ़ रही हैं।
उन्होंने पूछा आखिर इसका जिम्मेदार कौन है? कंपनी प्रबंधन के द्वारा वर्ष 1988 से तकनीकी कर्मियों को प्रमोशन नहीं दिए गए हैं। बगैर प्रमोशन के बड़ी संख्या में अधिकारी-कर्मचारी सेवानिवृत्त हो रहे हैं। संविदा कर्मचारियों और आउटसोर्स कर्मियों को नियमानुसार करंट का कार्य करने का अधिकार नहीं है, इसके बाद भी कार्मिकों की कमी के चलते इनसे दबाव बनाकर करंट का कार्य कराया जा रहा है।
इस विषम परिस्थितियों को देखते हुए कंपनी प्रबंधन को गंभीरता से विचार करके नियमित भर्ती पर निर्णय लेने की जरूरत है। मध्य प्रदेश के 52 जिलों की विद्युत व्यवस्था मैनपावर की कमी के कारण लगातार बिगड़ती जा रही है। ऐसे में आने वाले वक्त में विद्युत तंत्र चलाएगा कौन?
संघ के हरेंद्र श्रीवास्तव, रमेश रजक, एसके मौर्या, केएन लोखंडे, एसके शाक्य, राम शंकर, ख्यालीराम, प्रेम लाल पटेल, टी डेविड, एसके सिंह, मोहन दुबे, राजकुमार सैनी, अजय कश्यप, जेके कोस्टा, अरुण मालवीय, सुरेंद्र मेश्राम आदि ने अधिकारियाें-कर्मचारियों को प्रमोशन देने, संविदा कर्मचारियों का नियमितीकरण करने तथा आउटसोर्स कर्मियों का सभी कंपनियों में संविलियन करने की मांग विद्युत मंडल की सभी उत्तरवर्ती विद्युत कंपनियों के प्रबंधकों से की है।