इलेक्ट्रिसिटी अमेंडमेंड बिल के विरोध में एमपी के बिजली कर्मचारी व इंजीनियरों ने किया एक दिवसीय संपूर्ण कार्य बहिष्कार

बिजली कर्मचारियों व अभियंताओं की राष्ट्रीय समन्वय समिति नेशनल कोआर्डिनेशन कमेटी ऑफ़ इलेक्ट्रिसिटी इम्पलॉईस एन्ड इंजीनियर्स के आह्वान एवं यूनाइटेड फोरम के नेतृत्व में बिजली कर्मचारी व इंजीनियर द्वारा आज 10 अगस्त को एक दिवसीय संपूर्ण कार्य बहिष्कार कर विरोध प्रदर्शन किया।

नेशनल कोआर्डिनेशन कमेटी ऑफ़ इलेक्ट्रिसिटी एम्प्लॉईज एण्ड इंजीनियर ने केंद्र सरकार से मांग की है कि बिजली क़ानून में व्यापक बदलाव वाले इस बिल को जल्दबाजी में पारित करने के बजाये इसे संसद की बिजली मामलों की स्टैंडिंग कमेटी को भेजा जाना चाहिए और कमेटी के सामने बिजली उपभोक्ताओं और बिजली कर्मियों को अपने विचार रखने का पूरा अवसर दिया जाना चाहिए।

इलेक्ट्रिसिटी एक्ट 2003 में उत्पादन का लाइसेन्स समाप्त कर बड़े पैमाने पर बिजली उत्पादन का निजीकरण किया गया, जिसके परिणाम स्वरुप देश की जनता को निजी घरानों से बहुत महंगी बिजली की मार झेलनी पड़ रही है। अब इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंड) बिल 2021 के जरिये बिजली वितरण का लाइसेंस लेने की शर्त समाप्त की जा रही है, जिससे बिजली वितरण के सम्पूर्ण निजीकरण का मार्ग प्रशस्त हो जाएगा।

इस बिल में प्रावधान है कि किसी भी क्षेत्र में एक से अधिक बिजली कम्पनियाँ बिना लाइसेंस लिए कार्य कर सकेंगी और बिजली वितरण हेतु यह निजी कम्पनियाँ सरकारी वितरण कंम्पनी का इंफ्रास्ट्रक्चर और नेटवर्क इस्तेमाल करेंगी। निजी कम्पनियाँ केवल मुनाफे वाले औद्योगिक और वाणिज्यिक उपभोक्ताओं को ही बिजली देंगी जिससे सरकारी बिजली कंपनी की वित्तीय हालत और खराब हो जाएगी। इस प्रकार नए बिल के जरिये सरकार बिजली वितरण का सम्पूर्ण निजीकरण करने जा रही है जो किसानों और गरीब घरेलू उपभोक्ताओं के हित में नहीं है।

मप्र स्तर की अन्य मांगों में ट्रासमिशन कंपनी में लाई जा रही टीबीसीबी को रद्द करने, संविदा को नियमित करने, आऊटसोर्स का संविलियन करने, सभी अधिकारी कर्मचारियों को मुख्यमंत्री कोविड-19 कल्याण योजना में शामिल करने, बिना शर्त अनुकंपा नियुक्त, पेंशन की व्यवस्था, सभी वर्गों की पदोन्नति, सभी प्रकार के वेतन विसंगतियां दूर करने, सेवा निवृत उपरांत सभी प्रकार की राशि का समय से भुगतान करने, 28% डीए प्रदान करने, पदोन्नति में लगी रोक हटाकर पदोन्नति करते हुये रिक्त पदों पर नियुक्तियां करने, ग्रह जिलें मे पदस्थापना करने, सभी वर्गों को 50% विद्युत छुट देने, अधोसंरचना अनुसार संगठनात्मक संरचना निर्धारित करने, सभी कंपनियों में आदेशों में एकरूपता लाने आदि शामिल है।

आज पूर्ण कार्य बहिष्कार में यूनाइटेड फोरम के जिला संयोजक हरीश मेहता, जिला अध्यक्ष यशपाल सचदेवा, शुभम चौधरी, व्ही बी उपाध्याय, आदित्य कुमार, दीपक पचौरी, महावीर सिंह, अनिल कुमार मौर्य, गोविंद यादव, संतोष भारद्वाज, गिरीश राठौर, शिवप्रताप तोमर, आर एस करन, व्हीवीएस राणा, जेके शर्मा, संतोष गुप्ता, दिनेश राघव, प्रहलाद सिंह नरवरिया, प्रदीप चतुर्वेदी, निनोरिया एवं 200 से अधिक विद्युत कर्मचारी अधिकारी शामिल हुए।