35 वर्ष की सेवा पूर्ण करने के उपरांत दरकिनार का लोक सेवकों को चतुर्थ समयमान वेतनमान का लाभ नहीं दिया जा रहा है। मध्य प्रदेश के शिक्षा विभाग द्वारा प्रदेश के शिक्षकों को 35 वर्ष की सेवा पूर्ण करने उपरांत चतुर्थ समयमान वेतनमान प्रदाय किया जाना था, परंतु आज दिनांक तक चतुर्थ समयमान वेतनमान प्रदायगी के आदेश प्रतीक्षारत हैं, जिससे शिक्षकों को अत्यधिक आर्थिक हानि उठानी पड़ रही है।
मप्र तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने जारी विज्ञप्ति में बताया कि 35 वर्ष सेवा पूर्ण करने उपरांत अधिकांशतः शिक्षक सेवानिवृत्त हो रहे हैं और लगातार सेवानिवृत्त बिना चतुर्थ समयमान वेतनमान के हो रहे हैं, जिससे उन्हें पेंशन में भी भारी आर्थिक हानि उठानी पड़ रही है।
संघ ने कहा कि पुनः जब आदेश प्रसारित किये जायेगें तो सेवानिवृत्त हो चुके शिक्षकों को चतुर्थ समयमान वेतनमान के लिए पुनः ट्रेजरी और कार्यालयों के चक्कर लगाना पड़ेगा और पुनः वेतन निर्धारण तथा पेंशन निर्धारण करवाने की आवश्यकता होगी, जिससे प्रदेश के शिक्षकों को मानसिक एवं आर्थिक हानि का सामना करना पड़ेगा।
संघ के अर्वेन्द्र राजपूत, अवधेश तिवारी, आलोक अग्निहोत्री, इंद्रजीत मिश्रा, ब्रजेश मिश्रा, अंकित चौरसिया, शैलेन्द्र दुबे, दुर्गेश पाण्डेय, अमित पटेल, रफी अहमद, राजेश चतुर्वेदी, वीरेन्द्र चंदेल, एसपी बाथरे, रवि सोनी, कमलेश पटेल, प्रीतोष तारे, आदित्य जायसवाल, कीर्तीमान सिंह, राजीव मिश्रा, योगेश कपूर, पंकज जायसवाल, तुषरेन्द्र सिंह, नीरज कौरव, जवाहर लोधी, हेमन्त गौतम, अमित गौतम, दिनेश वर्मा, रामकृष्ण तिवारी, संदीप चौबे, रितुराज गुप्ता आदि ने प्रदेश की मुख्य सचिव से मांग की है कि प्रदेश में शिक्षकों के हितों को ध्यान में रखते हुए शिक्षा अधिकारियों को शिक्षकों को चतुर्थ समयमान वेतनमान की प्रदायगी हेतु आदेश प्रसारित करने हेतु आदेशित करें।