एमपी: वर्षों से अधर में लटकी मुख्यमंत्री द्वारा घोषित समिति की रिपोर्ट, कर्मचारियों को नहीं मिल रहा लाभ

मध्यप्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा जिलाध्यक्ष अटल उपाध्याय ने बताया है कि मध्यप्रदेश राज्य कर्मचारी कल्याण समिति के अध्यक्ष रमेश चंद्र शर्मा ने लगभग 8 वर्ष पूर्व लिपिकों की वेतन विसंगति सुधारने के लिए प्रतिवेदन प्रदेश सरकार को सौंप दिया था।

प्रदेश के मुख्यमंत्री ने 30 अक्टूबर 2015 को लिपिकों की समस्याओं एवं वेतन विसंगति सुधारने समिति गठन की घोषणा की थी। घोषणा के पालन में मध्यप्रदेश शासन सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश के अनुसार लिपिकों की वेतन विसंगति सुधारने के लिए समिति का गठन किया गया था।

समिति सहायक ग्रेड-3 संवर्ग की ग्रेड पे 2400 करने की अनुशंसा की है। प्रथम समयमान 2800, द्वित्तीय समयमान 3200 एवं तृतीय समयमान 3600 करने की अनुशंसा की है। 1983 चौधरी वेतनमान से विसंगति मानी गई है। समिति ने नियुक्ति के समय 1900 ग्रेड पे को पूर्णत: अनुचित मानकर 2400 किये जाने को न्याय संगत बताया है।

मध्यप्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के योगेंद्र दुबे, अटल उपाध्याय, संतोष मिश्रा, संजय गुजराल, नरेश शुक्ला, विश्वदीप पटेरिया, रविकांत दहायत, यूएस करोसिया, देव दोनेरिया, एसके बांदिल, प्रदीप पटेल, मुकेश मरकाम, धीरेन्द्र सिंह, अजय दुबे, योगेंद्र मिश्रा, आशुतोष तिवारी, नरेंद्र सेन, चंदू जाऊलकर ने सरकार से कर्मचारियों को रमेश चंद्र शर्मा समिति द्वारा की गई अनुशंसाओं के अनुसार लाभ देने की मांग की है।