भोपाल (हि.स.)। किसान कल्याण तथा कृषि विकास मंत्रालय द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुरूप एवं भारत सरकार की प्राईस सपोर्ट स्कीम योजना अंतर्गत विपणन वर्ष 2024-25 में समर्थन मूल्य पर चना, मसूर एवं सरसों की फसल के उपार्जन के लिए आज मंगलवार से किसानों के पंजीयन प्रारंभ होंगे। किसान अपनी उपज बेचने के लिए 10 मार्च 2024 तक अपने पंजीयन करा सकेंगे।
कृषि मंत्री ऐदल सिंह कंषाना ने चना, मसूर एवं सरसों उत्पादक किसान भाइयों से अपील की है कि वे उपज के उपार्जन के लिये ई-उपार्जन पोर्टल पर अपना पंजीयन निर्धारित समय अवधि में जरूर कर लें। उन्होंने बताया कि चना, मसूर एवं सरसों की फसलों के www.mpeuparjan.nic.in ई-उपार्जन पोर्टल पर 10 मार्च 2024 तक किसानों भाइयों को पंजीयन कराना होगा।
उन्होंने बताया कि समर्थन मूल्य पर चने की उपज के उपार्जन के लिए पंजीयन प्रदेश के समस्त जिलों में होगा, जबकि मसूर के लिए 37 जिलों एवं सरसों उपार्जन के लिए पंजीयन प्रदेश के 40 जिलों में होगा। मसूर उपार्जन के लिए पंजीयन भिण्ड, दतिया, शिवपुरी, अशोकनगर, सागर, टीकमगढ़, छतरपुर पन्ना, दमोह, सतना, रीवा, सीधी, सिंगरौली, उमरिया, शहडोल, अनूपपुर, मण्डला, डिण्डोरी जबलपुर, नरसिंहपुर, छिंदवाडा, सिवनी, कटनी, राजगढ़, विदिशा, रायसेन, सिहोर में होंगे।
इसके अलावा नर्मदापुरम, बैतूल, हरदा, उज्जैन, मंदसौर, आगर, शाजापुर, रतलाम, नीमच एवं धार में किया जाएगा। वहीं, सरसों के उपार्जन के लिए पंजीयन भिण्ड, मुरैना, श्योपुर कला, गुना, अशोकनगर, शिवपुरी, ग्वालियर, दतिया, सागर, दमोह, टीकमगढ़, छतरपुर, पन्ना, रीवा, सीधी, सिंगरौली, सतना, शहडोल, उमरिया, अनूपपुर, जबलपुर, कटनी, डिण्डोरी, मण्डला, सिवनी, छिंदवाडा, बालाघाट, शाजापुर, उज्जैन, रतलाम, मंदसौर, नीमच, देवास, आगर, विदिशा, राजगढ़, रायसेन, नर्मदापुरम, बैतूल, एवं हरदा में मसूर उपार्जन के लिए पंजीयन किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि कि पंजीयन नि:शुल्क व्यवस्था के लिए स्वयं के मोबाइल नंबर, ग्राम पंचायत या जनपद पंचायत या तहसील कार्यालयों में स्थापित सुविधा केन्द्रों पर एवं पूर्व वर्ष की भांति सहकारी समितियों, एफपीओ. एवं एफपीसी शुल्क 50 रुपये के साथ एमपी ऑनलाइन कियोस्क एवं कॉमन सर्विस सेंटर पर लोक सेवा केन्द्रों एवं निजी व्यक्तियों द्वारा संचालित साईबर कैफे पर भी कराए जा सकते हैं। कृषक भाई अपनी उपज का पंजीयन कराने से पहले आधार नंबर से बैंक खाता एवं मोबाइल नंबर को आवश्यक रूप से लिंक करा लें। किसान के परिवार में जिन सदस्यों के नाम भूमि होगी, वे सभी अपना पृथक-पृथक पंजीयन कराएंगे। किसान की भूमि यदि अन्य जिले में है तो उस जिले में पंजीयन कराया जाएगा। जिले में अलग-अलग स्थानों पर भूमि होने पर एक ही केन्द्र पर सभी भूमियों का पंजीयन होगा।