- आगामी 25 वर्षों तक पूर्ण क्षमता से होगा बिजली उत्पादन
- 105 मेगावाट क्षमता की इस यूनिट ने ले लिया लगभग नई यूनिट का रूप
- लगातार 28 वर्षों तक किया था बिजली उत्पादन
- 17 जून 2020 से बंद था बिजली उत्पादन
- यूनिट की ओवर हॉलिंग में लगा लगभग दो वर्ष का समय
मध्यप्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी के अनुभवी इंजीनियरों की त्वरित निर्णय लेने की क्षमता, काम करने की जिद व कार्य कुशलता से दो वर्ष एक माह पश्चात् टोंस जल विद्युत गृह सिरमौर की 105 मेगावाट की यूनिट नंबर तीन बुधवार को देर रात में क्रियाशील हो कर पूरी क्षमता से विद्युत उत्पादन करने लगी। यह यूनिट 17 जून 2020 को अचानक स्टेटर अर्थ फॉल्ट और जनरेटर के क्षतिग्रस्त होने के कारण बंद हो गई थी। इस यूनिट ने बंद होने के पूर्व 14 मार्च 1992 से लगातार 28 वर्षों तक बिजली उत्पादन किया था।
बीएचईएल के विशेषज्ञों ने खड़े किए हाथ-मध्यप्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी ने 17 जून 2020 को टोंस जल विद्युत गृह की यूनिट नंबर तीन में तकनीकी खराबी आने के बाद इसकी मरम्मत करने के लिए यूनिट के निर्माता, प्रदायकर्ता व स्थापित करने वाली कंपनी बीएचईएल को निरीक्षण हेतु बुलाया गया। बीएचईएल के इंजीनियरों की टीम ने यूनिट के अत्यधिक क्षति होने के कारण यूनिट को सुधार कार्य कर पुन: क्रियाशील करने में असमर्थता व्यक्त की गई।
बीएचईएल द्वारा सुधार व मरम्मत कार्य करने से असमर्थता व्यक्त करने पर मध्यप्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी के अनुभवी इंजीनियरों द्वारा त्वरित रूप से निर्णय लिया गया कि यूनिट की केपिटल ओवर हॉलिंग करवाई जाए। पावर जनरेटिंग कंपनी के इंजीनियरों का विश्वास भी था और जिद भी थी कि इस यूनिट को सुधार कर पुन: बिजली उत्पादन किया जा सकता है। पावर जनरेटिंग कंपनी ने यूनिट की केपिटल ओवर हॉलिंग बीएचईएल से ही करवाने का निर्णय लिया गया।
यूनिट की ओवर हॉलिंग में लगभग दो वर्ष का समय लगा। जनरेटर की की रिवाइडिंग की गई। इतना समय सभी के लिए धैर्य की परीक्षा वाला रहा, लेकिन जैसे ही यूनिट 13 जुलाई को देर रात सिंक्रोनाइज हुई सभी के चेहरे खिल उठे। केपिटल ओवर हॉलिंग होने के कारण टोंस जल विद्युत गृह की 105 मेगावाट क्षमता की इस यूनिट ने लगभग नई यूनिट का रूप ले लिया। संभावना व्यक्त की गई यह यूनिट आगामी 25 वर्षों के लिए पूर्ण क्षमता से बिजली उत्पादन के लिए उपलब्ध रहेगी।
टोंस जल विद्युत गृह की यूनिट नंबर तीन को पुन: क्रियाशील करने की उपलब्धि के लिए मध्यप्रदेश के प्रमुख सचिव उर्जा संजय दुबे, मध्यप्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी के प्रबंध संचालक मनजीत सिंह व डायरेक्टर कॉमर्शियल प्रतीश कुमार दुबे ने यूनिट की केपिटल ओवर हॉलिंग कार्य से संबद्ध सभी इंजीनियरों व तकनीकी कार्मिकों को बधाई दी है। उन्होंने कहा कि यूनिट का पुन: सिंक्रोनाइज होना काम करने की जिद का सुपरिणाम है।