मप्र तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने जारी जारी विज्ञप्ति में बताया की राजस्व विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के कार्यालय आने का समय तो निश्चित है, किन्तु उनके घर लौटने का कोई समय निश्चित नहीं है। विभाग के कर्मचारी बिना किसी सार्वजनिक अवकाश के शनिवार, रविवार के अवकाश सहित साल के 365 दिन अनवरत शासन उनसे कार्य लिया जाता है।
राजस्व विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के जिम्मे त्रस्तरीय एवं नगरीय निकाय चुनाव, खसरा-खतौनी, सीमांकन कराना, नकल जारी करना, डायवर्सन, नामनांतरण साथ ही साथ शासन की लोक हितकारी योजनओं को अमली जामा पहनाने की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है। प्रतिदिन 12 से 14 घण्टे सेवायें देने के बदले वह पुलिस महकमे की तरह 13 माह के वेतन के हकदार हैं।
संघ के योगेन्द्र दुबे, अर्वेन्द्र राजपूत, अवधेश तिवारी, अटल उपाध्याय, मंसूर बेग, मुकेश सिंह, आलोक अग्निहोत्री, बृजेश मिश्रा, यूएस करौसिया, बृजेश ठाकुर, राजेश गुर्जर, अमित नामदेव, आशीष सक्सेना, राकेश सुनमोरिया, जगदीश सेन, विवेक भट्ट, सुधीर खेर, तपन मोदी, एआई मंसूरी, इद्रजीत धूरिया, योगेन्द्र तिवारी, संतोष दुबे, सुरेन्द्र श्रीवास्तव, मिलन बरकडे, धन सिंह झारिया, कालीचरण, श्यामनारायण तिवारी, मो. तारिक, धीरेन्द्र सोनी, संतोष तिवारी, प्रियांशु शुक्ला आदि ने प्रदेश के मुख्यमंत्री से मांग की है कि पुलिस महकमे की तर्ज पर राजस्व विभाग के अमले को भीवर्ष में 1 माह का अतिरिक्त वेतन मिले।