मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की पहल पर राज्य में आमजन की समस्याओं के निराकरण के लिए 10 मई से 31 मई की अवधि में संचालित जनसेवा अभियान 2.0 में 60 लाख से अधिक मामलों का निपटारा हो जाना एक विशेष उपलब्धि है। महत्वपूर्ण बात यह है कि अभियान के दौरान मुख्यमंत्री श्री चौहान के आह्वान पर अनेक जिलों में नवाचार भी किए गए।
जबलपुर में कॉमन एप्लीकेशन फार्म तैयार कर प्रत्येक ग्रामीण एवं नगरीय निकाय को उपलब्ध करवाए गए। इससे आवेदकों से सम्पर्क करने, विभिन्न औपचारिकताएँ पूर्ण करवाने और समय पर सेवाएँ उपलब्ध करवाने का कार्य आसान हुआ। रतलाम जिले में आध्यात्मिक गुरूओं और जन-प्रतिनिधियों ने पदयात्रा कर जन-समस्याओं के निराकरण के लिए नागरिकों को जागरूक करने का कार्य किया। जिले में नुक्कड़ सभाएँ हुई और घर-घर पीले चावल देकर वांछित सेवाओं के लिए आवेदन देने का अनुरोध किया गया। भोपाल में ऐसे अधिकारी-कर्मचारी जिन्होंने अपने काम को शत-प्रतिशत पूर्ण करने के प्रयास किए, उन्हें प्रशंसा-पत्र एवं प्रोत्साहन राशि देने का प्रावधान किया गया।
मुरैना जिले में ऐसे नागरिक जो वृद्ध और दिव्यांग हैं, उन्हें आँगनवाड़ी कार्यकर्ताओं एवं जन सेवा मित्रों ने शिविरों तक ले जाने में सहयोग दिया। बैतूल जिले में “सही माप, सही ज्ञान, कुपोषण मिटाने का अभियान” भी चलाया गया। इसमें आँगनवाड़ी केन्द्रों में दर्ज 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों का शारीरिक माप लिया गया, इससे कुपोषित बच्चों की पहचान और उन्हें पोषण पुनर्वास केन्द्र का लाभ दिलवाने की पहल की गई। शहडोल जिले में “हक दस्तावेज, सहूलियत आपकी अभियान” चलाया गया। नगरीय क्षेत्र के आवासीय और व्यवसायिक भवनों के लिए अनुज्ञा, भवन पूर्णता और नो-ड्यूज दस्तावेज तैयार कर प्रदान किए गए। दमोह जिले में वार्ड और पंचायतों में सायंकालीन शिविर भी लगाए गए, जिसमें अधिकारियों ने उपस्थित होकर नागरिकों की समस्याओं का निराकरण किया।
इंदौर जिले में आपदा प्रबंधन अभियान में नगरीय क्षेत्र की दुकानों और व्यवसायिक प्रतिष्ठानों में फायर फाइटर उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित करते हुए फायर एनओसी जारी करने का कार्य किया गया। यही नहीं इन उपकरणों के प्रयोग के लिए प्रशिक्षण भी दिया गया। नर्मदापुरम में हार्टफुलनेस संस्थान हैदराबाद और मध्यप्रदेश जनअभियान परिषद ने मिल कर योग प्रशिक्षण कार्यक्रम से नागरिकों को लाभान्वित किया।
रायसेन जिले में प्रधानमंत्री आवास योजना में ऐसे पात्र हितग्राही जिनके नाम से आवास गृह मंजूर हो गया है और यदि उनकी आकस्मिक मृत्यु हो गई हो तो, उनके आश्रितों को प्राथमिकता से योजना का लाभ दिलवाने का कार्य किया गया। भिण्ड जिले में नए लर्निंग लायसेंस बनवाने केलिए शिक्षण संस्थाओं में कैम्प लगाए गए। छिंदवाड़ा जिले में “जल संवाद” भी किए गए। जल-संरक्षण और जल के औचित्यपूर्ण उपयोग के संबंध में चर्चा-गोष्ठियाँ हुईं। विभिन्न जिलों में प्रशासनिक अमले ने नवाचारों में सहयोग दिया। नागरिकों द्वारा भी नवाचारों का लाभ प्राप्त किया गया।