शक्ति के बिना शिव, शिव के बिना शक्ति अधूरी है, हजार मुख वाले रावण का वध सीता माई ने महाकाली माई का रूप धारण कर किया है। महाकाली माई कलकत्ता में स्थापित है। ज्ञान, वैराग्य के लिए भिक्षा मांगना उचित है, उमा संहिता महान है, मां जगदंबा की भक्ति से समस्त सिद्धियां प्राप्त होती है। गुरु महाराजश्री प्रमेश मिश्र ने भक्तों को ज्ञान वितरित किया। महाराजश्री ने कहा जीव को संसार में रहते हुए परमात्मा की प्राप्ति का उपाय भी करते रहना चाहिए। शिव भक्ति, कीर्तन, नाम भव से पार होने का साधन है।
जो झूठ नहीं बोलता वह स्वर्ग जाता है, सत्य में सभी समाहित है, चार पुरुषार्थ, धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष होते है, विद्या अध्ययन, धन अर्जन और पुण्य कार्य समय पर करना चाहिए। धन की सार्थकता धर्म कार्य में उपयोग करने में ही है, इच्छा की पूर्ति कभी नहीं होती, कामनाओं को सीमित रखना चाहिए। महाराजश्री ने कहा चार वर्ण, चार आश्रम है, सभी महत्वपूर्ण है, सेवा धर्म महान होता है। समाज में सभी को मिलकर रहना चाहिए।
कथा में श्रीमति कांता गर्ग, अहिल्या चौबे, सुरेश उपाध्याय, शैलेश, अटल उपाध्याय, रेखा गौतम, मीना, अनिता दुबे, शालिनी पांडे, ज्योति पांडे, अनिता मिश्रा, कौशल्या मिश्रा, सुनीता पांडे, रुक्मणि पांडे, दुर्गा तिवारी ने रुद्राभिषेक किया। दिनेश, मुकेश, सतीश, सोनू, सचिन, सिद्धार्थ उपाध्याय ने कथा में उपस्थित होकर धर्म लाभ अर्जित करने का आग्रह किया है।