मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक में 572 करोड़ 76 लाख रूपये की तीन सिंचाई परियोजनाओं की पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई। इसमें सोनपुर मध्यम सिंचाई परियोजना सिंचाई क्षमता 7 हजार हेक्टेयर सैंच्य क्षेत्र के लिये लागत राशि 181 करोड़ 80 लाख रूपये, भाम (राजगढ़) मध्यम सिंचाई परियोजना सिंचाई क्षमता 7,900 हेक्टर रबी के लिये लागत राशि 301 करोड़ 41 लाख रूपये और सूरजपुरा मध्यम सिंचाई परियोजना लागत राशि 89 करोड़ 55 लाख रूपये वार्षिक सिंचाई क्षमता 4205 हेक्टेयर की पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति दी गई है।
ओंकारेश्वर में प्रतिमा स्थापना
मंत्रि-परिषद ने ओंकारेश्वर में आचार्य शंकर की 108 फुट ऊँची बहु धातु प्रतिमा और पेडेस्टल कार्य के लिये 148 करोड़ 43 लाख 2 हजार रूपये की स्वीकृति दी।
किसानों को शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर अल्पावधि फसल ऋण
मंत्रि-परिषद ने वर्ष 2021-22 में सहकारी बैंकों के माध्यम से किसानों को शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर अल्पावधि फसल ऋण देने की योजना को निरंतर रखने का निर्णय लिया। योजना में वर्ष 2021-22 के लिए गत वर्ष की भांति बेसरेट 10 प्रतिशत रखा गया है और खरीफ 2021 सीजन की ड्यू डेट 15 अप्रैल, 2022 और रबी 2021-22 की डयू डेट 15 जून, 2022 रखी गई है। गत वर्ष अनुसार निर्धारित बेसरेट 10 प्रतिशत के अधीन खरीफ एवं रबी सीजन में अल्पावधि फसल ऋण लेने वाले सभी किसानों के लिये एक प्रतिशत (सामान्य) ब्याज अनुदान तथा निर्धारित ड्यू डेट तक ऋण की अदायगी करने वाले किसानों को 4 प्रतिशत (अतिरिक्त) ब्याज अनुदान प्रोत्साहन स्वरूप राज्य शासन द्वारा दिया जायेगा।
चिकित्सा महाविद्यालय के लिए पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति
मंत्रि-परिषद ने नेताजी सुभाष चन्द्र बोस चिकित्सा महाविद्यालय, जबलपुर में 150 से 250 एमबीबीएस सीट्स में वृद्धि के लिये स्वीकृत परियोजना अंतर्गत पूर्व में जारी की गई राशि 127 करोड़ 5 लाख रूपये की प्रशासकीय स्वीकृति के स्थान पर राशि 171 करोड़ 39 लाख रूपये की पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति दी।
पदों का सृजन
मंत्रि-परिषद ने तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार विभाग द्वारा प्रस्तावित खनन प्रौद्योगिकी संस्थान सिंगरौली के लिये शैक्षणिक पद 33 एवं गैर शिक्षकीय पद 62 इस प्रकार कुल 95 पदों के सृजन एवं अपेक्षित आवर्ती व्यय के वित्तीय प्रावधान की स्वीकृति दी। योजना पर प्रतिवर्ष आवर्ती व्यय लगभग 6 करोड़ एवं अनावर्ती व्यय 76 करोड़ 56 लाख रूपये संभावित है।
मुख्यमंत्री विद्युत बिलों में राहत योजना-2022
प्रदेश में कोरोना महामारी के प्रकोप के कारण प्रदेश के निम्न आय वर्ग वाले घरेलू उपभोक्ताओं को विद्युत देयकों के भुगतान में आ रही कठिनाई के दृष्टिगत ऐसे उपभोक्ताओं को राहत पहुँचाने के उद्देश्य से उनके देयकों की आस्थिगत बकाया राशि का निराकरण कर उन्हें नियमित बिल भुगतान के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से “मुख्यमंत्री विद्युत बिलों में राहत योजना-2022” का अनुसमर्थन किया। योजना में हितग्राहियों को लाभ देने की कार्यवाही वितरण केंद्रों में निरंतर जारी रहेगी। योजना का लाभ 1 अप्रैल 2022 के बाद जारी किये जाने वाले देयकों में परिलक्षित होगा। लाभान्वित उपभोक्ताओं की संख्या लगभग 88 लाख होगी। माफ किये जाने वाले देयकों की राशि लगभग 5334 करोड़ रूपये होगी। योजना का लाभ लेने के लिये पात्र उपभोक्ताओं को विद्युत वितरण कंपनी द्वारा निर्धारित प्रारूप में आवेदन प्रस्तुत करना होगा।
1250 मेगावाट क्षमता के सौर ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना
देश के कृषकों की ऊर्जा आवश्यकताओं, मुख्य रूप से सिंचाई आवश्यकताओं की प्रतिपूर्ति एवं उनके पास उपलब्ध संसाधनों के उपयोग से उत्पादन कर आय के अवसर उपलब्ध करवाने के लिये नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान (कुसुम) योजना लागू की गयी है। प्रदेश में कुसुम-C के घटक फीडर सोलराईजेशन में सभी कृषि फीडर्स को सौर ऊर्जा से ऊर्जीकृत (सोलराईजेशन) किया जायेगा। योजना के क्रियान्वयन के लिये मध्यप्रदेश ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड को राज्य की नोडल संस्था बनाया गया है। योजना में सौर ऊर्जा से ऊर्जीकृत कृषि फीडर्स पर दिन में 8 घंटे तक कृषि आवश्यकताओं की आपूर्ति के लिये विद्युत प्रदाय किया जाएगा।
मध्यप्रदेश पावर मेनेजमेंट कंपनी लिमिटेड द्वारा सौर संयंत्र से उत्पादित संपूर्ण विद्युत का क्रय खुली निविदा द्वारा निर्धारित दरों पर 25 वर्षों तक किया जाएगा। योजना में 33/11 केवी विशिष्ट कृषि फीडर्स और गैर कृषि फीडर्स संयोजित सब-स्टेशन पर संयोजित विशिष्ट कृषि फीडर्स के सोलराईजेशन के लिये प्रथम चरण में 1250 मेगावाट क्षमता के सौर संयंत्रों की स्थापना के लिये खुली निविदा के माध्यम से विकासकों का चयन किया जाएगा।
827 वन ग्रामों का राजस्व ग्रामों में परिवर्तन
मंत्रि-परिषद ने 827 वन ग्रामों का अनुसूचित जनजाति और अन्य परम्परागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम, 2006 के प्रावधान एवं निर्धारित प्रक्रिया अनुसार राजस्व ग्रामों में संपरिवर्तन करने के निर्णय का अनुसमर्थन किया।
आबकारी नीति में संशोधन
मंत्रि-परिषद ने प्रदेश की वर्ष 2022-23 की आबकारी नीति की कंडिका 9 तथा कंडिका 23 में संशोधन का निर्णय लिया। कंडिका 9 अनुसार देशी/विदेशी मदिरा के फुटकर लायसेंसी द्वारा उसकी मदिरा दुकान के लिये निर्धारित न्यूनतम प्रत्याभूत ड्यूटी राशि के विरुद्ध प्रत्येक त्रैमास में 85 प्रतिशत ड्यूटी राशि की मदिरा का प्रदाय नहीं लिये जाने की स्थिति में देय अवशेष न्यूनतम ड्यूटी राशि की 5 प्रतिशत राशि के बराबर की शास्ति को घटाकर 2.5 प्रतिशत किया गया है।
कंडिका 23 अनुसार किसी मदिरा दुकान पर अनुज्ञप्तिधारी की आवश्यकता से अधिक मदिरा संग्रहित होने पर उसे उसी जिले के उसी समूह या भिन्न समूह की अन्य मदिरा दुकान में स्थानांतरित किया जाना इस शर्त के साथ अनुमत किया गया है कि जिस पक्ष में मदिरा का स्थानांतरण किया जाएगा, उस पक्ष में उसी किस्म की मदिरा देशी/विदेशी मदिरा गोदाम से उठाने की अनुमति स्थानांतरण करने वाले अनुज्ञप्तिधारी को नहीं होगी। यह मदिरा स्थानांतरण प्राप्त करने वाली मदिरा दुकान के लिए आबकारी नीति की कंडिका 9 के अनुसार संबंधित त्रैमास में 85 प्रतिशत ड्यूटी राशि की मदिरा का प्रदाय लिया जाना अनिवार्य होगा और स्थानांतरण से प्राप्त मदिरा स्कंध को इस अनिवार्य प्रदाय के विरुद्ध समायोजित नहीं किया जाएगा।