भोपाल (हि.स.)। मध्यप्रदेश की अयोध्या कही जाने वाली भगवान श्रीराम राजा सरकार की नगरी ओरछा में हर साल की तरह इस बार भी श्री राम- जानकी विवाह महोत्सव धूमधाम से मनाया जा रहा है। इसकी शुरुआत गुरुवार को श्री रामराजा सरकार मंदिर में कलेक्टर लोकेश कुमार जांगिड़ द्वारा मंडप पूजन एवं हल्दी रस्म के साथ की गई।
ओरछा के प्रसिद्ध श्री रामराजा सरकार मंदिर में श्रीराम विवाह महोत्सव (विवाह पंचमी) के शुभारंभ अवसर पर कलेक्टर जांगिड़ एवं जिला पंचायत सीईओ रोहन सक्सेना ने सपत्नीक विधिवत मंडप का पूजन किया। साथ ही उपस्थित अधिकारियों ने पारंपरिक हल्दी रस्म में भगवान श्रीराम को हल्दी लगाकर पूजा-अर्चना की। मंडप पूजन के पश्चात मंदिर प्रांगण में विशाल भंडारे का आयोजन किया गया, जिसमें कलेक्टर जांगिड़ ने संबंधित अधिकारियों के साथ विवाह में शामिल श्रद्धालुओं को प्रसादी परोसी तथां श्रद्धालुओं के साथ बैठकर प्रसादी ग्रहण की।
इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक डॉ राय सिंह नरवरिया, अपर कलेक्टर एचबी शर्मा, एसडीएम निवाड़ी अनुराग निंगवाल, एसडीएम पृथ्वीपुर सतीश वर्मा जनप्रतिनिधिगण एवं संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।
दरअसल, यूनेस्को विश्व धरोहर एवं पर्यटक नगरी ओरछा में 05 दिसंबर से 07 दिसंबर 2024 तक तीन दिवसीय राम विवाह महोत्सव (विवाह पंचमी) का आयोजन धूमधाम से किया जा रहा है। महोत्सव को लेकर मंदिर परिसर और ओरछा नगर की विशेष साज सज्जा भी की गई है। श्रीराम विवाह महोत्सव न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र होगा, बल्कि ओरछा की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का प्रदर्शन भी करेगा। श्रद्धालुओं और पर्यटकों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन ने विशेष इंतजाम किए हैं।
ओरछा तहसीलदार और व्यवस्थापक सुमित गुर्जर ने बताया कि शुक्रवार, 06 दिसंबर को श्री राम राजा जू वर यात्रा (राम बारात) निकाली जाएगी। श्री रामराजा सरकार मंदिर से बारात रात्रि 7:30 बजे प्रस्थान करेगी। यह बारात नगर का भ्रमण करते हुए राम जानकी मंदिर पहुंचेगी। राम जानकी मंदिर में दूल्हा बने श्री रामचंद्र जी का तिलक किया जाएगा। इसके साथ ही विवाह महोत्सव, संत समागम, रामचरित मानस प्रवचन, धनुष यज्ञ एवं श्री राम सेवादल द्वारा लीला का मंचन किया जाएगा। इसके अलावा शनिवार, 07 दिसंबर 2024 को यहीं पर वैवाहिक रस्मों में पांव पखराई श्रीराम कलेवा एवं भजन कीर्तन किया जाएगा। श्री राम राजा सरकार के विवाह उत्सव में देश और दुनिया से आने वाले भक्त भी बाराती बनकर बारात में शामिल होते हैं। कुंवर कलेवा के साथ महोत्सव का समापन होगा। विवाह बुंदेली रीति-रिवाज से होगा।