नेशनल कोआर्डिंनेशन कमेटी ऑफ इलेक्ट्रिसिटी इम्पलॉईस एन्ड इंजीनियर्स ने केंद्र सरकार के इलेक्ट्रिसिटी अमेंडमेंड बिल के विरोध में आज 10 अगस्त को एक दिवसीय कार्य बहिष्कार का ऐलान किया है। मध्य प्रदेश में भी यूनाइटेड फोरम के बैनर तले सभी विद्युत ऑफिसों के अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने कार्य का बहिष्कार किया है, जिसके चलते आज विद्युत कंपनियों के सभी अधिकारी एवं कर्मचारी ऑफिस नहीं पहुंचे।
एमपी के अधिकांश विद्युत कंपनियों के मुख्यालय शक्तिभवन जबलपुर में आज कोई भी अधिकारी एवं कर्मचारी नहीं पहुंचे। वहीं कार्य बहिष्कार के चलते मुख्यालय शक्तिभवन के साथ ही पूरे प्रदेश के शहरों से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों के ऑफिसों में सन्नाटा पसरा हुआ है। अधिकारियों एवं कर्मचारियों के कार्य का बहिष्कार किये जाने से विद्युत उपभोक्ताओं की शिकायतों का समाधान नहीं हो पा रहा है। विद्युत कॉल सेंटर में शिकायतों का अंबार लगा हुआ है, लेकिन इनके निराकरण के लिये मैदानी अमला ही मौजूद नहीं है।
वहीं जो अधिकारी अथवा कर्मचारी कार्यालय जा रहे हैं उन्हें जय चंद के खिताब से नवाजा जा रहा है। कार्य बहिष्कार आंदोलन की अनदेखी कर ऑफिस पहुंचे जुन्नारदेव के एक कार्यालय सहायक को जय चंद की उपाधि दे दी गई है।
उल्लेखनीय है कि इलेक्ट्रिसिटी अमेंडमेंड बिल के साथ ही ट्रांसमिशन कंपनी में लाई जा रही टीबीसीबी को रद्द करने, संविदा कर्मियों को नियमित करने, आऊटसोर्स कर्मियों का संविलियन करने, सभी अधिकारियों-कर्मचारियों को मुख्यमंत्री कोविड-19 कल्याण योजना में शामिल करने, बिना शर्त अनुकंपा नियुक्ति, पेंशन की व्यवस्था, सभी वर्गों की पदोन्नतियां, सभी प्रकार के वेतन विसंगतियां दूर करने, सेवानिवृत उपरांत सभी प्रकार की राशि का समय से भुगतान करने, 28 प्रतिशत डीए प्रदान करने, पदोन्नति में लगी रोक हटाकर पदोन्नति करते हुये रिक्त पदों पर नियुक्तियां करने, गृह जिले में पदस्थापना करने, सभी वर्गों को 50 प्रतिशत विद्युत छूट देने, अधोसंरचना अनुसार संगठनात्मक संरचना निर्धारित करने, सभी कंपनियों के आदेशों में एकरूपता लाने एवं अन्य मांगों के समर्थन में यूनाइटेड फोरम ने कार्य बहिष्कार का ऐलान किया है।