मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में स्मार्ट विद्युत मीटर का विरोध करते हुए मप्र यूनाइटेड फोरम के संयोजक व्हीकेएस परिहार ने कहा है कि नियमित कार्य के लिए नियमित कर्मचारियों का होना अति आवश्यक है।
उन्होंने कहा कि मीटर रीडिंग, सब-स्टेशन ऑपरेटिंग, बिल वितरण सभी नियमित कार्य हैं, इन कार्यों के लिए नियमित कर्मचारी ही रखे जाने चाहिए। यह कार्य विभाग द्वारा संविदा कर्मचारी एवं आउट सोर्स कर्मचारियों से कराया जा रहा है, जो न्याय संगत नहीं है।
इसके लिए कंपनी प्रबंधन को अनुभवी संविदा, आउटसोर्स कर्मियों को नियमित कर उनकी व्यवस्थाओं के संबंध में गंभीरतापूर्वक विचार कर समस्त समस्याओं का निदान करते हुए वर्तमान में जो व्यवस्था चल रही है, सरकार को इसी में सुधार करना चाहिए।
वहीं संगठन के प्रतिनिधियों ने यह भी बताया कि वर्तमान में यह व्यवस्था पश्चिम क्षेत्र कंपनी में लागू है, जिसके तहत इंदौर शहर में स्मार्ट मीटर लगाए गए हैं। इसके बावजूद भी बिजली कर्मियों को तमाम परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। साथ ही उपभोक्ताओं की नाराज़गी का भी सामना करना पड़ रहा है।
गौरतलब है कि ऊर्जा विभाग के प्रमुख सचिव के संजय दुबे ने कहा है कि ऊर्जा विभाग भोपाल में बिलिंग और रीडिंग सिस्टम में बदलाव करने जा रहा है। इसके तहत भोपाल में मार्च से 3 लाख उपभोक्ताओं के घरों में स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे।
उन्होंने बताया कि इन स्मार्ट मीटर में सिम लगी रहेगी, जिसके माध्यम से उपभोक्ताओं की रीडिंग विभाग तक पहुंच जाएगी। ऐसे में जो बिजली का जितना उपयोग करेगा, उसे उतना ही बिल देना होगा। स्मार्ट मीटर लगने के बाद उपभोक्ताओं को बिजली बिल ईमेल और रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर के जरिए भेजे जाएंगे।