मध्यप्रदेश की बिजली कंपनियों के निजीकरण की आहट सुनाई देने लगी है। बिजली कंपनी प्रबंधन ने पिछले दरवाजे से बिजली व्यवस्था का संचालन निजी कंपनियों को हस्तांतरित करना शुरू कर दिया है।
विगत दिवस मध्यप्रदेश पावर मैनेजमेंट कंपनी और हैदराबाद की मेसर्स मेघा इंजीनियरिंग एवं इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के बीच टीएसए (ट्रांसमिशन सर्विस एग्रीमेंट) पर हस्ताक्षर हुये। इस एग्रीमेंट के साथ ही मेघा इंजीनियरिंग एवं इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड हैदराबाद को एसपीए (शेयर परचेस एग्रीमेंट) हस्तांतरित किया गया।
मेघा इंजीनियरिंग एण्ड इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड ने मध्यप्रदेश पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी के लिये 17 अति उच्चदाब के सब-स्टेशन बनाने का यह कांट्रेक्ट हासिल किया है, जिसमें 400 KV का एक, 220 KV के 3 तथा 132 KV के 13 सब-स्टेशन शामिल है। इन 17 सब-स्टेशनों में मध्य क्षेत्र के 10 तथा पश्चिम क्षेत्र के 7 सब-स्टेशन शामिल है। निजी कंपनी इन सब-स्टेशनों का निर्माण करने के बाद इन सब-स्टेशनों को 35 वर्षों तक संचालित भी करेगी।
विद्युत सूत्रों का कहना है कि निजी कंपनी के द्वारा बनाये जाने वाले सब-स्टेशनों में निजी कंपनी प्रबंधन का पूरा कंट्रोल रहेगा। वहीं इसके कायण बिजली कंपनी में नए पदों पर भर्ती नहीं होगी और धीरे-धीरे सारे सम्बंधित पद समाप्त कर दिए जाएंगे। क्योंकि सारी व्यवस्था निजी कंपनी के अधिकारी एवं कर्मचारी ही संभालेंगे।