मप्र तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने जारी विज्ञप्ति में बताया कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहायिका शासन के घोर अन्याय का शिकार हो रही हैं। लाकडाऊन के समय से ही कार्यकर्ताओं द्वारा संक्रमित व्यक्तियों की जांच करने घर-घर सर्वे किया गया था, परंतु इसके एवज में उन्हें किसी भी प्रकार का अतिरिक्त मानदेय नहीं दिया गया है।
कोविड टीकाकरण महा अभियान में भी उन्होंने अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इनकी ड्यूटी नियुक्ति स्थल से दूर अन्यत्र लगाई गई, परंतु उन्हें आने-जाने का कोई भुगतान नहीं किया ग। वे स्वयं के व्यय पर आना-जाना कर रही हैं। अब शासन द्वारा घर-घर सर्वे में भी इनकी ड्यूटी लगाई जा रही है, जबकि अब आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चे आने लगे हैं। ऐसे में वे केन्द्रों में बच्चों का ध्यान रखें कि शासन के आदेशों का पालन करें?
संघ के योगेंद्र दुबे, अर्वेंद्र राजपूत, अवधेश तिवारी, अटल उपाध्याय, आलोक अग्निहोत्री, नरेंद्र दुबे, मुकेश सिंह, मिर्जा मंसूर बेग, ब्रजेश मिश्रा, दुर्गेश पांडेय, मुन्ना लाल पटेल, मनोज सिंह, मुकेश मिश्रा, तुषरेन्द सिंह, नीरज कौरव, राजेश चतुर्वेदी, सतीश देशमुख, चुरामन गुर्जर, सीएन शुक्ला, पंकज जायसवाल, योगेश कपूर, श्याम नारायण तिवारी, मो. तारिक, धीरेन्द्र सोनी, संतोष तिवारी ने कलेक्टर जबलपुर से आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का शोषण बंद कर कोविड टीकाकरण मानदेय भुगतान किए जाऩे कि मांग की है।