मध्यप्रदेश के महानगर इंदौर के पारेषण सिस्टम को मजबूती और विश्वसनीयता प्रदान करने के लिए मध्यप्रदेश पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी प्रदेश में पहली बार इंदौर में जीआईएस (गैस आधारित पावर सब-स्टेशन) का निर्माण कार्य प्रगति पर है। करीब 36 करोड़ 50 लाख की अनुमानित लागत से इंदौर की घनी आबादी में स्थित महालक्ष्मी नगर में बनने वाले सब-स्टेशन से इंदौर के पूर्वी क्षेत्र में विद्युत पारेषण व्यवस्था को मजबूती मिलने के साथ इंदौर को अति उच्चदाब सब-स्टेशन का एक और विकल्प उपलब्ध हो रहा है।
उल्लेखनीय है कि इंदौर में विद्युत की बढ़ती मांग को देखते हुए मध्यप्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी को सब-स्टेशनों के निर्माण की जरूरत महसूस हुई। इंदौर जैसी घनी आबादी में परम्परागत सब-स्टेशन के निर्माण के लिए पर्याप्त भूमि की उपलब्धता न रहने के कारण मध्यप्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी ने इंदौर में जीआईएस (गैस आधारित पावर सब-स्टेशन ) बनवाने का निर्णय लिया।
निर्माण में कम जगह लगने के साथ दूसरे फायदे भी
जीआईएस (गैस आधारित पावर सब-स्टेशन) के निर्माण में परम्परागत एयर इंसुलेटेड सब-स्टेशनों के मुकाबले कम जमीन की जरूरत पड़ती है। इस तकनीक से सब-स्टेशन के निर्माण का बजट परम्परागत सब-स्टेशन की तुलना में अधिक रहने के बावजूद मध्यप्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी ने इंदौर की जरूरत को देखते हुए निर्माण की मंजूरी दी। गैस इंसुलेटेड चेंबर में रहने के कारण इन सब-स्टेशनों के उपकरणों में कम खराबी आती है, इन्हें बोलचाल की भाषा में ‘‘मेंटेनेंस फ्री’’ सब-स्टेशन भी कहा जाता है।
रिमोट से संचालित किया जा सकेगा सब-स्टेशन
इस सब-स्टेशन में अत्याधुनिक तकनीक इस्तेमाल हो रही है। इसकी सहायता से इसे कम से कम आपरेटर के साथ या रिमोट से भी संचालित किया जा सकेगा।
पूर्वी इंदौर व मेट्रो रेल को मिलेगा फायदा
इस सब-स्टेशन के निर्माण से पूर्वी इंदौर के अनेक क्षेत्रों जिनमें नई कालोनियों के अलावा कई व्यावसायिक प्रतिष्ठान भी शामिल है, उन्हें उचित वोल्टेज की गुणवत्ता पूर्ण विद्युत प्रदाय किया जा सकेगा साथ ही इंदौर में बन रही मेट्रो रेल परियोजना के लिए भी पर्याप्त मात्रा में विद्युत उपलब्धता विकल्प के साथ बनी रहेगी।
सब-स्टेशनों के रिंग सिस्टम से जुड़ चुका है इंदौर
इंदौर प्रदेश का एकमात्र ऐसा शहर है जो चारों तरफ से मध्य प्रदेश पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी के सब-स्टेशनों से एक रिंग के माध्यम से जुड़ चुका है। इंदौर के चारों तरफ सब-स्टेशन होने से किसी भी एक क्षेत्र में विद्युत व्यवधान होने या सुधार कार्य करने पर बिजली बंद करने की जरूरत नहीं रहेगी। संबंधित उप केन्द्रों का भार नजदीकी उप केन्द्र पर डाला जा सकेगा।