जबलपुर (हि.स.)। मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने बहुचर्चित नर्सिंग कॉलेज फर्जीवाड़ा मामले में विद्यार्थियों को बड़ी राहत दी है। अब अनसूटेबल नर्सिंग कॉलेज के छात्र भी परीक्षा दे सकेंगे। सोमवार को जस्टिस संजय द्विवेदी और जस्टिस अचल कुमार पालीवाल की युगलपीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए अनसूटेबल कॉलेज के विद्यार्थियों को सरकारी सूटेबल कॉलेज में परीक्षा दिलाने के निर्देश दिए हैं। परीक्षा पास करने के बाद इन स्टूडेंट्स को सूटेबल कॉलेज में शिफ्टिंग समेत अन्य लाभ दिलाने पर विचार किया जाएगा।
नर्सिंग फर्जीवाड़े मामले में लॉ स्टूडेंट्स एसोसिएशन एडवोकेट विशाल बघेल की जनहित याचिका के साथ सभी अन्य नर्सिंग से जुड़े मामलों की सुनवाई सोमवार को उच्च न्यायालय की जस्टिस संजय द्विवेदी एवं जस्टिस अचल कुमार पालीवाल की स्पेशल बेंच के समक्ष हुई। सुनवाई में हाईकोर्ट ने सत्र 2021-22 और सत्र 2022-23 के नर्सिंग पाठ्यक्रमों में अध्ययनरत उन छात्रों को एनरोलमेंट जारी कर परीक्षा में शामिल करने के निर्देश मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी को दिये है, जिन छात्रों के कॉलेज सीबीआई जाँच में अनसुटेबल पाये गये थे। कोर्ट ने कहा है कि इन छात्रों के एनरोलमेंट के लिये पोर्टल जाए एवं एनरोलमेंट जारी कर परीक्षा में सम्मिलित किया जाए।
बता दें कि सीबीआई की जांच में प्रदेश के 66 नर्सिंग कॉलेज अनसूटेबल कैटेगरी के पाए गए थे। दो महीने पहले मध्यप्रदेश सरकार ने इन 66 नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता रद्द की है। यह कार्रवाई हाईकोर्ट के निर्देश पर की गई। ये सभी कॉलेज इंडियन नर्सिंग काउंसिल (आईएनसी) के मानकों पर की गई सीबीआई जांच में अनफिट पाए गए थे।
इधर, मेडिकल यूनिवर्सिटी ने बीएससी नर्सिंग फर्स्ट ईयर के एग्जाम को लेकर टाइम टेबल भी जारी कर दिया है। बीएससी फर्स्ट ईयर नर्सिंग की परीक्षा 8 अगस्त 2024 से 27 अगस्त 2024 तक चलेगी।