मध्य प्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा संरक्षक योगेन्द्र दुबे एवं जबलपुर जिलाध्यक्ष अटल उपाध्याय ने कहा है कि बरगी नगर निवासी एक अनाथ युवती के विवाह समारोह की पार्टी बांध के प्रतिबंधित हिस्से में करने का आरोप लगाकर विभाग के सब इंजीनियर आरएल अहिरवार को निलंबित कर दिया गया है, वहीं अपने चहेते अधिकारियों को शोकॉज नोटिस देकर बचा लिया गया।
आला अधिकारियों का आरोप है कि टेंट हाउस संचालक नितिन जैन ने सब इंजीनियर आरएल अहिरवार के मौखिक आदेश पर बांध के प्रतिबंधित क्षेत्र में शामियाना लगाया था, इसे आधार बनाकर भोपाल जल संसाधन विभाग की ओर से की गई, निलंबन की कार्यवाही नियम विरुद्ध है। चीफ इंजीनियर डीएल वर्मा ने प्रभारी सहायक यंत्री, कार्यपालन यंत्री अजय सूरे और बांध के सुरक्षा अधिकारी एसके नामदेव को पत्र भेजा था, कार्यपालन यंत्री को नोटिस और उपयंत्री, चौकीदार को निलंबित करने का प्रस्ताव शासन भेज दिया था। बिना आधार के निलंबन का प्रस्ताव वरिष्ठ कार्यालय भेजना गुमराह करने की श्रेणी में आता है।
मध्य प्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा जबलपुर के संरक्षक योगेंद्र दुबे, जिलाध्यक्ष अटल उपाध्याय, विश्वदीप पटेरिया, नरेश शुक्ला, संतोष मिश्रा, प्रशांत सोंधिया, योगेश चौधरी, संजय गुजराल, रविकांत दहायत, मुकेश मरकाम , मुकेश चतुर्वेदी, देव दोनेरिया, धीरेंद्र सिंह, योगेंद्र मिश्रा, रजनीश पाण्डे, अजय दुबे, नरेंद्र सैन, सुरेंद्र जैन, सतीश उपाध्याय, विनय नामदेव, दुर्गेश पाण्डे, बृजेश मिश्रा ने कार्यपालन यंत्री, सुरक्षा अधिकारी और प्रभारी सहायक, चीफ इंजीनियर को निलंबित करने की मांग की है। मात्र एक कर्मचारी के विरुद्ध कार्यवाही की जाना पूरी तरह से गलत है।