इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2022 विरोध में एवं मध्य प्रदेश में बिजली कर्मियों की अन्य मांगों के समर्थन में यूनाइटेड फोरम फॉर पावर एम्पलाइज एवं इंजीनियर्स ने भोपाल में धरना प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री के नाम यापन सौंपा ज्ञापन लगातार पत्राचार के बाद भी सरकार के उपेक्षा पूर्ण रवैये से गहराया असंतोष दिसंबर में बड़े आंदोलन की तैयारी
बिजली कर्मचारियों एवं अभियंताओं की राष्ट्रीय समन्वय समिति नेशनल कोआर्डिनेशन कमेटी ऑफ इलेक्ट्रिसिटी एम्पलाइज एंड इंजीनियर्स के आह्वान पर यूनाइटेड फोरम फॉर पावर एम्पलाइज एवं इंजीनियर्स के तत्वावधान में भोपाल में विद्युत अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने गोविंदपुरा में बिजली सेक्टर बचाओ देश बचाओ के नारे के साथ एक दिवसीय धरना देकर विरोध प्रदर्शन किया एवं मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौपा।
यूनाइटेड फोरम फॉर पावर एम्पलाइज एवं इंजीनियर्स के प्रांतीय संयोजक व्हीकेएस परिहार ने रैली को संबोधित करते हुए कहा कि आज देश में केंद्र सरकार की निजी घरानों के लाभ देने की नीतियों के कारण देश में विद्युत सेक्टर का भविष्य अंधकारमय है, जिसके दुष्परिणाम किसानों और आम उपभोगताओं को भुगतने पडेंगे।
उन्होंने कहा कि दूसरी ओर प्रदेश सरकार प्रदेश के विद्युत अधिकारियों एवं कर्मचारियों के हर वर्ग के हितों की उपेक्षा कर रही है। विद्युत कंपनियों की हठधर्मिता पूर्ण नीतियों के कारण निरंतर पत्रचार के बाद भी शासन प्रशासन किसी भी प्रकार की चर्चा के लिए तैयार नहीं है, जो कि अत्यंत दुखद पहलू है।
उन्होंने कहा कि यूनाइटेड फोरम ने एक वर्ष पूर्व ऊर्जा मंत्री के आश्वासन पर आंदोलन स्थगित किया गया था, परंतु उनके द्वारा भी आज तक कोई सार्थक पहल नही की गई है। इससे प्रदेश के विद्युत अधिकारियों एवं कर्मचारियों में सरकार की श्रमिक विरोधी नीति के प्रति आक्रोश है, जिसके चलते दिसंबर माह में हम बड़े आंदोलन को शुरू करने के लिए बाध्य होंगे।
गोविंदपुरा में विशाल धरना प्रदर्शन का आयोजन किया गया, जिसमें यूनाइटेड फोरम के व्हीकेएस परिहार, आरएस कुशवाहा, जीएल तेजराज, प्रभु नेमा, अमित सक्सेना, ऋषिराज सिंह, प्रदीप द्विवेदी, आरएस शिकरवार, अशोक गुप्ता ने संदेश दिया।
प्रमुख मांगें
फोरम ने मांग की है कि मध्यप्रदेश की विद्युत कंपनियों के पेंशनर्स को केन्द्र सरकार द्वारा दिया जा रहा महंगाई राहत 38% तुरंत दिया जाये, वर्तमान में उन्हें मप्र शासन के पेंशनर्स से भी 6% कम महंगाई राहत दी जा रही है जो कि अत्यंत निंदनीय है। भविष्य में समय से पेंशन के भुगतान की सुनिश्चित व्यवस्था करने हेतु उत्तर प्रदेश शासन के अनुसार विद्युत मण्डल के पेंशनर्स की पेंशन ट्रेजरी से देना शुरू की जावे।
विद्युत वितरण कंपनियों के संगठनात्मक संरचना को अंतिम रूप देते हुए सभी पदों को गुजरात राज्य की कंपनियों के अनुसार नियमित पदों से भरा जाए, जिसमें आज दिनांक में संविदा अधिकारी कर्मचारियों को भाजपा जन संकल्प 2013 पूरा करते हुए नियमित किया जावे।
संगठनात्मक संरचना को अंतिम रूप देते हुए आउटसोर्स कर्मियों का संविलियन करते हैं कि वेतन को बढ़ाया जाए एवं लंबित सभी अनुकंपा नियुक्तियों के प्रकरण का निराकरण करते हुए उनकी नियुक्तियां की जाएं।
कई वर्षों से सभी वर्गों मे कई वेतन विसंगतियां व्याप्त है, जिनको सुधारने हेतु फोरम लगातार मांग कर रहा है, लेकिन उसमें आज दिनांक तक कार्यवाही अपेक्षित ही है। अत: अनुरोध है कि वेतन विसंगतियों को दूर करने हेतु उच्च अधिकार प्राप्त समिति बनाई जाये जो समय सीमा में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करें एवं उसके अनुसार उसमें तुरंत कार्यवाही की जावे।
कई वर्षों से लंबित फ्रिंज बेनिफिटस लागू करते हुये सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों को मेडिक्लेम पॉलिसी लागू की जायें।
मप्र शासन में पदोन्नतियाँवर्ष 2016 से बन्द है, अत: सभी विद्युत कंपनियों में सभी वर्गो में उच्च पदों से निम्न पदों तक वरिष्ठता का ध्यान रखते हुये सभी को चालू प्रभार देकर भर्त्ती स्तर पर रिक्त पदों पर नयी भर्त्ती समय सीमा में की जायें, साथ ही यह भी ध्यान रखा जाये कि चालू प्रभार केवल वरीयता एवं पदोन्नति नियमों के आधार पर दिये जाये।
सभी विद्युत कंपनियों में सभी कर्मियों हेतु नई पेंशन स्कीम की जगह पुरानी पेंशन स्कीम लागू की जावे एवं टर्मिनल बेनिफिट ट्रस्ट में पेंशन की राशि जमा कराई जाये। इसके अतिरिक्त अन्य मांगों पर भी विचार किया जाना अति आवश्यक है।