एमपी के विद्युत कर्मियों की विधवाओं की गुहार से भी नहीं पसीजा सरकार का दिल, 21 वर्षों से भटक रहे अनुकंपा आश्रित

मध्य प्रदेश विद्युत मंडल तकनीकी कर्मचारी संघ के प्रांतीय महासचिव हरेंद्र श्रीवास्तव ने जारी कर प्रेस विज्ञप्ति में बताया है कि 1 सितंबर 2000 से कांग्रेस के शासनकाल में विद्युत मंडल की वित्तीय स्थिति खराब होने का हवाला देकर अनुकंपा नियुक्ति पर रोक लगा दी गई थी। 1 सितंबर 2000 से 2015 तक लगभग 5396 तकनीकी कर्मचारियों की मृत्यु विद्युत मंडल में सेवाकाल के दौरान हुई है।

उन्होंने बताया कि अनुकंपा नियुक्ति पाने के लिए तकनीकी कर्मचारी संघ के नेतृत्व में 11 मार्च 2013 से अनुकंपा नियुक्ति पाने के लिए मध्य प्रदेश के 52 जिलों से आई विधवा महिलाओं एवं उनके बच्चों के द्वारा अनिश्चितकालीन 1760 दिनों का धरना दिया गया। साथ ही विधवा महिलाओं द्वारा अनुकंपा नियुक्ति के लिए भोपाल तक 340 किलोमीटर की पैदल यात्रा भी की गई, लेकिन सरकार और कंपनी प्रबंधन का दिल आज तक नहीं पसीजा।

इसके बाद विद्युत मंडल की सभी कंपनियों के प्रबंधनों के द्वारा मौत का बंटवारा करने वाली नई अनुकंपा नीति लायी गयी, जिसके तहत लगभग 1500 अनुकंपा आश्रितों को नियुक्ति दी गई, बाकी लगभग 3000 आश्रितों को भगवान भरोसे छोड़ दिया गया है।

हरेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि मध्य प्रदेश पावर मैनेजमेंट कंपनी का पत्र क्रमांक 2597 दिनांक 9 दिसंबर 2014 में निहित प्रावधानों के अंतर्गत विद्युत कर्मियों की मृत्यु का विभाजन कर अनुकंपा नियुक्ति नीति 2013 के तहत प्रभावी तिथि 10 अप्रैल 2012 के पूर्व एवं 15 नवंबर 2000 के पश्चात दुर्घटना मृत्यु के प्रकरणों को सम्मिलित करने की बात कही गई है। संघ का कहना है कि कर्मियों की मौतों का विभाजन ना करते हुए विद्युत मंडल में सेवाकाल के दौरान मृत्यु होने पर बिना शर्त अनुकंपा नियुक्ति दी जावे।

संघ के हरेंद्र श्रीवास्तव, केएन लोखंडे, एसके मौर्या, मोहन दुबे, राजकुमार सैनी, अजय कश्यप, जेके कोस्टा, टी डेविड, लखन सिंह राजपूत, रामशंकर, ख्यालीराम, शशि उपाध्याय, दशरथ शर्मा, मदन पटेल, बीएल पटेल, अरुण मालवीय, इंद्रपाल सिंह, सुरेंद्र मेश्राम, संजय वर्मा, अनूप तिवारी, महेश पटेल, पीएन मिश्रा, एसके शाक्य, अमीन अंसारी, गोपाल यादव, दिनेश कोल, हीरेंद्र रोहिताश आदि के द्वारा 3 दिसंबर 2020 को जबलपुर प्रवास पर आए ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न तोमर जी को ज्ञापन पत्र सौंपा गया था, जिसपर उन्होंने आश्वासन दिया था कि शीघ्र ही बाकी अनुकंपा आश्रितों को अनुकंपा नियुक्ति दी जावेगी। संघ ने मांग की है कि अनुकंपा आश्रितों को शीघ्र नियुक्ति दी जाए।