सीहोर (हि.स.)। आज विश्व में एक ही जयकारा सुनाई देता है। बोल बम का नारा है, भोलेनाथ हमारा है। भोले को मनाने के लिए तुम्हें कोई महान जतन करने की जरूरत नहीं है। बस एक लोटा जल और हर समस्या का हल। यानी बाबा के शिवलिंग पर एक लोटा जल अर्पित कर दो, तुम्हारी सारी समस्याओं का समाधान भी हो जाएगा और सारी मनोकामनाएं भी पूरी हो जाएगी, कोई व्यक्ति तुम्हें साधु संन्यासी बनने के लिए कहता है तो उन्हें कहना, मुझे माफ करो, तुम ही बन जाओ, भगवान शिव की पूजा बहुत सरल है। सोमवार की शाम को राम जन्म-भूमि के संघर्ष के इतिहास की भव्य प्रस्तुति की जायेगी।
यह विचार जिला मुख्यालय के समीपस्थ चितावलिया हेमा स्थित निर्माणाधीन मुरली मनोहर एवं कुबेरेश्वर महादेव मंदिर में जारी रुद्राक्ष महोत्सव 2024 के चौथे दिन रविवार को प्रसिद्ध कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा ने व्यक्त किए। उन्होंने घर के शिवलिंग को प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र बताया। उन्होंने कहा कि आपके घर में शिवलिंग होना जरूरी है। घर के शिवलिंग और मंदिर दोनों में अंतर है। आपको जब भी संकट आता है तो आप किसको याद करते हैं, अपने घर के भगवान को, घर में शिवलिंग होना जरूरी है।
पंडित प्रदीप मिश्रा ने कथा के चौथे दिन भगवान शिव की पूजा से होने वाले लाभ से प्रभावित भक्तों के अनुभव पत्र भी पढ़े। उन्होंने कहा कि एक महिला गुलजारी के बगीचा में रहने वाली अभिलाषा वर्मा करीब पांच-छह साल से संतान सुख से वंचित थी, लेकिन उन्होंने भगवान शंकर से प्रार्थना की, अब उनकी गोद भर गई है। पंडित मिश्रा ने कहा कि डॉक्टर अपना कार्य करता है और भगवान की प्रार्थना भी अपना कार्य करती है। ईश्वर के बाद अगर किसी व्यक्ति को जिंदगी देता है तो वह डॉक्टर ही है। इसीलिए उसे धरती का भगवान कहा जाता है। डॉक्टरी पेशे में कई बार ऐसे पल आते हैं, जब जीवन की उम्मीद लोग छोड़ देते हैं, उस वक्त डॉक्टर मौत को मात देकर जिंदगी बचा लेता है। डॉक्टर के यही प्रयास लोगों की जिंदगी में नया सवेरा लाते हैं। इसलिए डॉक्टर की भी सलाह ले और भगवान की भक्ति करे, आपके रोग का अवश्य निदान होगा। भगवान पर भरोसा जरूर होना चाहिए।
भगवान आपकी सादगी की पूजन से प्रसन्न होते
उन्होंने कहा कि भगवान को किसी भी आडंबर या दिखावे की जरूरत नहीं है। भगवान आपकी सादगी की पूजन से प्रसन्न होते हैं। आप कितने ही सुंदर हो जाओ लेकिन एक दिन ऐसा आता है जब आपकी काया ढल जाती है। आपका शरीर मुरझा जाता है। लेकिन भक्ति की शक्ति और विश्वास कभी कम नहीं होता। जिसका भगवान पर विश्वास है वह हमेशा सफलता पाता है।
उन्होंने कहा कि भक्ति में तप जरूरी है। आग में जितना सोना तपता है उतना ही उसमें निखार आता है, उसी प्रकार साधु संत भी जितनी तपस्या करते हैं, उतना निखार व तेजस्व आता है। अपने शरीर से किसी प्रकार का मोह नहीं रहता है। वह हर मौसम में कष्ट सहन करने लायक अपने शरीर को बनाते हैं।
खचाखच भरे पंडाल में धूप, गर्मी की परवाह नहीं कर भाव-विभोर होकर श्रद्धालुओं ने किया कथा का रसपान
रविवार को भी कथा के चौथे दिन पंडाल पूरा भराने के बाद भाव-विभोर होकर धूप, गर्मी की परवाह नहीं करते हुए श्रद्धालुओं ने कथा का रसपान कर रहे हैं। कुबेरेश्वरधाम पर हर रोज 10 लाख से अधिक श्रद्धालु आ रहे हैं, जिनके लिए आधा दर्जन से अधिक पंडाल लगाए गए हैं। इसके बाद भी भक्त पूरी आस्था के साथ कथा का श्रवण कर रहे हैं।
पिछले चार दिन में 60 लाख से अधिक श्रद्धालुओं के भोजन प्रसादी वितरण
जिला प्रशासन, विठलेश सेवा समिति, ग्रामीण और शहरी क्षेत्रवासियों की ओर से अनेक स्थानों पर भंडारे का आयोजन कर भोजन प्रसादी का वितरण किया जा रहा है। पिछले चार दिनों से लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचे हैं। यहां पर आने वाले श्रद्धालुओं के चेहरे पर अलौकिक चमक है और पूरी आस्था और उत्साह के साथ बाबा का आशीर्वाद लेने के लिए उमड़ रहे हैं। शहर के रेलवे स्टेशन, नदी चौराहे आदि पर भंडारे की व्यवस्था की गई है। वहीं जिला प्रशासन ने पुलिस सहायता केन्द्र, स्वास्थ्य केन्द्र, जनपद की ओर से पानी के टैंकर आदि की व्यवस्था की है।
विठलेश सेवा समिति के मीडिया प्रभारी प्रियांशु दीक्षित ने बताया कि रुद्राक्ष महोत्सव में सुबह से ही विभिन्न धार्मिक अनुष्ठानों का शुभारंभ हो जाता है। इसके अंतर्गत सुबह रुद्राक्ष अभिषेक, दोपहर में कथा और रात्रि में धार्मिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी जाएगी। इसमें श्रीराम मंदिर की संगीतमय महागाथा प्रस्तुति करवाई जा रही है। इसमें राम जन्म-भूमि के संघर्ष के इतिहास की भव्य प्रस्तुति की जायेगी. कार्यक्रम में शेवानी संगीतमय महागाथा की प्रस्तुति देंगे।