मध्य प्रदेश सरकार ने मप्र भूमि विकास नियम-2012 के नियम 6 के उप-नियम (3) में संशोधन किया है। इसके बाद अब प्रदेश में पंजीकृत आर्किटेक्ट अथवा स्ट्रक्चरल इंजीनियर को संचालक नगर तथा ग्राम निवेश के अनुमोदन के बाद 300 वर्ग मीटर तक के क्षेत्रफल के भू-खण्डों पर भवन अनुज्ञा जारी करने के लिये प्राधिकृत किया जा सकेगा।
हालांकि ऐसे कॉलोनाइजर, जो भू-खण्ड अथवा भवन विक्रय करते हैं, को ऐसी अनुज्ञा जारी नहीं की जा सकती। सक्षम प्राधिकारी भवन अनुज्ञा जारी करने की शक्ति किसी भी ऐसे आर्किटेक्ट अथवा स्ट्रक्चरल इंजीनियर को नहीं देगा, जो 10 वर्ष का अनुभव नहीं रखते हों तथा अन्य निर्धारित मापदण्डों का पालन नहीं करते हों।
बताया जा रहा है कि आयुक्त नगर नगरीय प्रशासन एवं विकास निकुंज श्रीवास्तव द्वारा इस संबंध में यथोचित कार्यवाही के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दे दिये गये हैं।