मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज मंत्रि-परिषद की बैठक से पहले मंत्रीगण को जानकारी दी कि प्रशासनिक और मानवीय दृष्टि से बहुत जरूरी स्थानांतरण के लिए 17 सितंबर से 5 अक्टूबर तक छूट दी जाएगी। इसके साथ ही सीएम चौहान ने कहा कि शत-प्रतिशत पात्र व्यक्तियों को हितग्राही मूलक योजनाओं का लाभ सुनिश्चित कराने के लिए 17 सितंबर से अभियान आरंभ होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके लिए 2-2 मंत्रियों के समूह गठित किए जाएंगे, जो आवंटित जिलों का भ्रमण करेंगे। वे जिले में विकास कार्यों की गुणवत्ता, पात्र व्यक्तियों को हितग्राही मूलक योजनाओं के लाभ की उपलब्धता की स्थिति का जायजा लेंगे। जन-सामान्य को जागरूक करने, योजनाओं की जानकारी देने के साथ योजनाओं के क्रियान्वयन और शासकीय गतिविधियों में कमी या दोष पाए जाने पर आवश्यक कार्यवाही भी मंत्रीगण द्वारा जिलों में की जाएगी।
इसके अलावा मंत्रि-परिषद ने अनुसूचित जनजाति वर्ग के युवाओं को स्व-रोजगार के और अधिक अवसर प्रदान करने के लिए 3 योजनाओं की स्वीकृति प्रदान की। इसमें भगवान बिरसा मुण्डा स्व-रोजगार योजना, टंट्या मामा आर्थिक कल्याण योजना एवं मुख्यमंत्री अनुसूचित जनजाति विशेष परियोजना वित्त पोषण योजना शामिल है।
भगवान बिरसा मुण्डा स्व-रोजगार योजना में विनिर्माण गतिविधियों के लिए एक लाख से 50 लाख रूपये तक तथा सेवा एवं व्यवसाय गतिविधियों के लिए एक लाख रूपये से 25 लाख रूपये तक की परियोजनाएँ स्वीकृत की जायेंगी। योजना का लाभ लेने वाले परिवार की वार्षिक आय 12 लाख रूपये से अधिक नहीं होना चाहिए। योजना में हितग्राहियों को बैंक द्वारा वितरित एवं शेष ऋण पर 5 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से ब्याज अनुदान तथा बैंक ऋण गारंटी शुल्क प्रचलित दर पर अधिकतम 7 वर्षों तक (मोरेटोरियम अवधि सहित) निगम द्वारा वहन किया जायेगा। आवश्यकतानुसर इच्छुक अभ्यर्थियों को प्रशिक्षण भी दिया जायेगा।
टंट्या मामा आर्थिक कल्याण योजना में ऐसे अनुसूचित जनजाति के सदस्य, जो आयकर दाता नहीं हो, जिनकी उम्र 18 से 55 वर्ष के मध्य हो, उन्हें सभी प्रकार की स्व-रोजगार गतिविधियों के लिए 10 हजार से एक लाख रूपये तक की परियोजनाओं के लिये बैंको से ऋण दिलवा कर हितग्राही को 7 प्रतिशत ब्याज अनुदान तथा बैंक ऋण गारंटी शुल्क प्रचलित दर पर अधिकतम 5 वर्षों के लिये दिया जायेगा।
मुख्यमंत्री अनुसूचित जनजाति विशेष परियोजना वित्त पोषण योजना में मुख्यत: अनुसूचित जनजाति वर्ग के हितग्राहियों को लाभान्वित करने कृषि, पशुपालन, मत्स्य पालन, उद्यानिकी, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, ऊर्जा, तकनीकि शिक्षा कौशल विकास एवं रोजगार, आयुष और लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग आदि से अथवा जिला कलेक्टर से प्राप्त होने वाले ऐसे विशेष परियोजना प्रस्ताव, जो लाइन विभागों की प्रचलित किसी भी योजना परियोजना में किया जाना संभव न हो तथा अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए किया जाना अत्यंत उपयोगी एवं आवश्यक हो, को वित्त पोषण के लिए अधिकतम 2 करोड़ रूपये तक की संपूर्ण परियोजना लागत राशि शासन द्वारा अनुदान के रूप में मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित राज्य परियोजना क्रियान्वयन समिति की अनुशंसा पर प्रदान की जायेगी। योजना में स्व-रोजगार, आजीविका, कौशल उन्नयन, संवर्धन एवं नवाचार सबंधी परियोजनाओं को प्राथमिकता के आधार पर वित्त पोषण किया जाएगा। परियोजना में कम से कम 50 प्रतिशत लाभार्थी अनुसूचित जनजाति वर्ग के होना अनिवार्य होगा।
ऑटो रिक्शा विनियमन योजना- 2021 का अनुमोदन
मंत्रि-परिषद ने परिवहन विभाग द्वारा प्रस्तुत ऑटो रिक्शा विनियमन योजना- 2021 का अनुमोदन किया। इसमें ऑटो रिक्शा के संचालन के लिए मार्गों का सूत्रीकरण किये जाने, मार्गों के अनुसार कलर कोडिंग किये जाने, कलर कोडिंग के अनुसार अनुज्ञापत्र स्वीकृत किये जाने, युक्तियुक्त संख्या में ऑटो रिक्शा स्टेण्ड बनाये जाने तथा ऑटो रिक्शा पर रूट नंबर, रूट इंडिकेटर, ऑटो रिक्शा स्टेण्ड का विवरण और मार्ग का विवरण दर्ज करने आदि के संबंध में योजना पर सहमति दी।
होमगार्ड जवानों के हित के निर्णय
मंत्रि-परिषद ने होमगार्ड जवानों के बाध्यकाल ऑफ में विसंगति समाप्त करने के लिये मध्यप्रदेश होमगार्ड नियम-2016 के नियम-27(ग) में संशोधन किये जाने का निर्णय लिया। पूर्व में प्रचलित अनुसार वर्ष 2016 एवं उसके बाद होमगार्ड सैनिक की सेवा में आए सैनिकों को 12 माह में 10 माह आहूत कर्त्तव्य (काल आउट डियूटी) का प्रावधान था। संशोधित नियमानुसार अब होमगार्ड के सभी सैनिकों को 36 माह में 34 माह आहूत (काल आउट ड्यूटी) पर लिया जायेगा।
मंत्रि-परिषद ने बाढ़ बचाव एवं आपदा प्रबंधन के लिये अतिरिक्त 950 स्वंयसेवी होमगार्ड सैनिकों को होमगार्ड से एसडीईआरएफ में प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ करने की स्वीकृति दी। एसडीईआरएफ में अब कुल स्वीकृत बल 1500 हो जायेगा। एसडीईआरएफ में 950 स्वयसेवी होमगार्ड को प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ करने पर लगभग 11 करोड़ 11 लाख रूपये प्रतिवर्ष अतिरिक्त व्यय होगा।