मध्यप्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी ने ग्रीन एनर्जी कॉरिडोर स्कीम के मध्यप्रदेश के हिस्से का काम पूरा कर प्रदेश ने उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की है। मध्यप्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने बताया कि जर्मनी के केएफडब्ल्यू बैंक द्वारा वित्त पोषित इस प्रोजेक्ट का अंतिम कार्य गत दिवस मध्यप्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी ने पूरा किया, जिसमें 400 केवी आष्टा-उज्जैन डबल सर्किट लाइन ऊर्जीकृत की गई।
ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने बताया कि पूरे देश में गैर परंपरागत ऊर्जा स्त्रोतों से उत्पन्न विद्युत के सहज ट्रांसमिशन के लिए ग्रीन एनर्जी कॉरिडोर बनाने हेतु देश के कुछ राज्यों में से मध्यप्रदेश को भी चुना गया था। ग्रीन कॉरिडोर प्रोजेक्ट की कुल लागत 2100 करोड़ में से 840 करोड़ रूपए का लोन जर्मनी के बैंक केएफडब्ल्यू द्वारा स्वीकृत किया गया था। इन कार्यों को मध्यप्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी ने निर्धारित लक्ष्य से पहले ही पूरा कर दिखाया। उल्लेखनीय है कि इस प्रोजेक्ट की सतत् मॉनीटरिंग प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा की जा रही थी।
मध्यप्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी के अधीक्षण अभियंता इंजी. एम. एम. ढोके ने बताया कि इस स्कीम के तहत मध्यप्रदेश में 400 केवी के तीन सबस्टेशन, 220 केवी के सात सब स्टेशन, 400 केवी की 5 डबल सर्किट लाइनें, 220 केवी की 15 डबल सर्किट लाइनें व 132 केवी की 26 डबल सर्किट लाइनों का कार्य पूर्ण किया गया।
इस प्रकार कुल 2773 सर्किट किलोमीटर अति उच्च दाब लाइनें निर्मित की गईं। इस स्कीम से 400 केवी की 1890 एमवीए क्षमता, 220 केवी में 2400 एमवीए क्षमता व 132 केवी में 498 एमवीए कुल 4788 एमवीए अतिरिक्त ट्रांसफॉरमेशन की क्षमता मध्यप्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी के ट्रांसमिशन में नेटवर्क में जोड़ी गई।
ग्रीन एनर्जी कॉरिडोर स्कीम के तहत मध्यप्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी ने सागर, उज्जैन तथा मंदसौर में 400 केवी के सब स्टेशन सेंधवा, कानवन, जावरा, सैलाना, गुड़गांव, रतनगढ़ व नलखेड़ा में 220 केवी के सब स्टेशन और 132 केवी के दो अतिरिक्त ट्रांसफार्मर स्थापित कर ऊर्जीकृत किये गए।