बिजली कर्मचारियों के संगठन एमपी यूनाइटेड फोरम ने एक बैठक कर आगे की रणनीति बनाते हुए विद्युत पेंशनर्स को पेंशन का भुगतान कराए जाने की मांग को लेकर मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है। साथ ही यूनाइटेड फोरम के संयोजक व्हीकेएस परिहार ने सरकार पर बिजली की सब्सिडी का पैसा ना देने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि यूनाइटेड फोरम संगठन के बैनर पर सभी जिला कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम का 4 अक्टूबर को ज्ञापन दिया जाएगा। वहीं अगर पेंशनर्स को पेंशन का भुगतान नहीं किया जाता है तो 7 अक्टूबर को प्रदेशभर के जिला मुख्यालयों पर धरना दिया जाएगा।
व्हीकेएस परिहार ने बताया कि मध्य प्रदेश के बिजली कंपनियों के 55000 पेंशनरों की पेंशन अटक गई है, पेंशनरों के पेंशन राशि 170 करोड़ रुपए है। इस महीने बिजली कंपनियों के पेंशनरों को समय पर पेंशन नहीं मिली है। पावर ट्रांसमिशन कंपनी ने बजट नहीं होने का हवाला देकर पेंशन देने से इनकार कर दिया है। इससे नाराज पेंशनर्स लामबंद होना शुरू हो गए हैं।
मध्य प्रदेश के विदयुत कंपनियों के पेंशनर्स की पेंशन तुरंत भुगतान करने के लिए मुख्यमंत्री को लिखे अपने पत्र में व्हीकेएस परिहार ने कहा है कि सचिव टर्मिनल बेनिफिट्स ट्रस्ट मप्र पावर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड जबलपुर द्वारा यह सूचित किया है कि ट्रांसमिशन कंपनी की ट्रांसमिशन चार्ज मद में 392.99 करोड़ रुपए की डिमांड में से मात्र 35 करोड़ रुपए का ही भुगतान डिस्कॉम कंपनियों द्वारा किया गया है। अतः पेंशन निधि का भुगतान नहीं किया जा सकता है, जिससे समस्त विदयुत पेंशनर्स को माह सितंबर 2022 की पेंशन के भुगतान पर संकट खड़ा हो गया है एवं नवरात्रि दशहरा एवं दीपावली जैसे महत्वपूर्ण त्योहारों के दौरान समय पर पेंशन नहीं मिलने की आशंका से समस्त पेंशनर्स परेशान और आक्रोशित हैं।
अभियंता संघ एवं यूनाइटेड फोरम पूर्व से ही पेंशन की सुनिश्चित व्यवस्था करने हेतु लगातार मांग करता रहा है, लेकिन शासन एवं प्रबंधन द्वारा उक्त मांग पर किसी भी प्रकार का विचार नहीं किया गया जो कि शासन की वरिष्ठ नागरिक एवं विद्युत कंपनियों को इन ऊचाईओं तक ले जाने वाले सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों के विरूद्ध उदासीनता एवं असंवेदनशीलता प्रदर्शन करती है। विद्युत पेंशनर्स को महंगाई राहत का भुगतान भी राज्य शासन के पेंशनर्स के अनुरूप नहीं किया जा रहा है। पूर्व क्षेत्र विद्युत कंपनी में तो पिछली 5% महंगाई राहत वृद्धि का भुगतान अभी तक नहीं किया गया है तथा राज्य शासन द्वारा पेंशनर्स को 6% महंगाई राहत का आदेश जारी कर चुकने के बावजूद भी अभी तक विद्युत कंपनियों द्वारा अपने पेंशनर्स को 6% महंगाई राहत वृद्धि के आदेश जारी नहीं किए गए हैं।
विद्युत कंपनियों के शीर्ष प्रशासनिक अधिकारियों की अक्षमता और अकर्मण्यता के कारण शासन से सब्सिडी की राशि भी नहीं प्राप्त की जा पा रही है, जिससे भी यह स्थिति उत्पन्न होने की आशंका है। अतः आपसे विनम्र अनुरोध है कि पिछले कई दिनों से लंबित सब्सिडी का भुगतान कराकर लगभग 55000 विद्युत पेंशनर्स की पेंशन के भुगतान के साथ ही महंगाई राहत वृद्धि के लंबित आदेश एवं महंगाई राहत बकाया राशि का भी भुगतान अविलंब कराने हेतु संबंधितों को समुचित निर्देश जारी करने का कष्ट करें।
दशहरा पूर्व पेंशन का भुगतान न होने के स्थिति में यदि पेंशनर्स संघ किसी भी प्रकार का धरना प्रदर्शन करता है तो यूनाईटेड फोरम भी पेंशनस संघ को नैतिक सर्मथन देगा एवं यदि आवश्यक हुआ तो फोरम भी उनकी आन्दोलनात्मक गतिविधियों में शामिल होने हेतु मजबूर होगा।