मध्य प्रदेश यूनाइटेड फोरम के संयोजक परिहार ने बताया वर्ष 2020 कोविड-19 के दौरान जब पूरे देश की कार्य व्यवस्था बन्द थी, उस समय मध्यप्रदेश के सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा विद्युत व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाये रखा गया।
जिससे कोविड-19 को मध्य प्रदेश में नियंत्रण में रखने में सफल रहे। लेकिन विद्युत कंपनियों के कर्मचारियों को कभी भी फ्रंट लाईन वारियर नहीं माना गया। अब जब कोविड-19 के टीकाकरण का अभियान शासन द्वारा चलाया जा रहा है, तब भी उन्हे टीकाकरण की प्राथमिक्ताओं में नहीं रखा गया है।
फोरम द्वारा संदर्भित पत्र से फ्रंट लाइन वारियर्स मानते हुए उन्हें टीकाकरण में प्राथमिकता देने हेतु मांग की गई थी। लेकिन दुर्भाग्य से उस पर कोई कार्यवाही नहीं की गई है। अब वर्तमान में जब कोविड-19 का प्रभाव बढ़ रहा है एवं विद्युत व्यवस्था बनाये रखना हम सभी की जिम्मेदारी है।
अत: विद्युत व्यवस्था में अहम भूमिका निभाने वाले नियमित, संविदा एवं आऊटसोर्स कर्मचारियों को बिना किसी आयु सीमा के फ्रंट लाइन वारियर्स मानते हुऐ टीकाकरण में प्राथमिकता देने हेतु संबंधितों को निर्देशित करने का कष्ट करें।
संगठन ने ऊर्जा मंत्री से अनुरोध किया की विद्युत कंपनियों में कार्यरत सभी अभियंताओं एवं कर्मचारियों की आयुसीमा समाप्त कर फ्रंट लाईन वारियर मानते हुये, प्राथमिकता से टीकाकरण कराये जाने हेतु शासन स्तर पर निर्णय लेने हेतु आवश्यक कार्यवाही करने की कृपा करें। जिससे सभी स्तर के कर्मचारियों का टीकाकरण समय से हो सके एवं प्रदेश की विदयुत व्यवस्था सुचारू रूप से व्यवस्थित रह सके ।