मध्य प्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी ने आखिर इस बात को स्वीकार कर लिया है कि कंपनी में नियमित कर्मियों की खासी कमी है, जिसके कारण अनेक कार्य प्रभावित हो रहे हैं। नियमित कर्मियों की कमी के कारण कार्यों विलंब व व्यवधान उत्पन्न होने से पूरा वर्कलोड संविदा कर्मचारियों के ऊपर आ गया है।
जिसे देखते एमपी ट्रांसको प्रबंधन ने एक सर्कुलर जारी किया है, जिसमें नियमित कर्मियों की कमी तथा संविदा कर्मचारियों से जोखिम का कार्य कराए जाने के कारण, उन्हें भी नियमित कर्मचारियों की भांति सुविधाएं देने की बात कही गई है। कंपनी का ये सर्कुलर सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है।
कंपनी ने अपने सर्कुलर में कहा है कि वर्तमान स्थिति में कंपनी के नियमित (मंडल कैडर) लाईन कर्मचारी लगभग सेवानिवृत्ति हेतु निर्धारित अधिवार्षिकीय आयु पूर्ण करने की ओर अग्रसर हैं। कुछ कर्मचारी शारीरिक शिथिलता, रोगग्रस्त होने के कारण संधारण निर्माण एवं अन्य कार्य पूर्ण क्षमता से नहीं कर पाते हैं, जिससे अति महत्वपूर्ण कार्यों से विलंब व व्यवधान उत्पन्न होता है।
चूंकि नियमित कर्मचारियों की कमी एवं उम्रदराज होने के कारण, संविदा लाइन कर्मचारियों से कार्य लिया जा रहा है एवं नियमित कार्मिकों के अनुरूप कार्य करने का जोखिम संविदा कार्मिको को भी रहता है, इसलिये नियमित कार्मिकों की भांति संविदा कार्मिकों को भी निर्धारित दर पर भत्ते एवं अन्य सुविधाएं प्रदान किया जाये तो वे नियमित कर्मचारियों के समान कार्य युवा होने के कारण अधिक क्षमता के साथ कर सकते है।
कंपनी ने सभी मैदानी अधिकारियों को जारी सर्कुलर में कहा है कि उपरोक्त के परिप्रेक्ष्य में संविदा कार्मिकों को नियमित कार्मिकों की भांति वे सभी भत्ते एवं सुविधा देने हेतु, जिनके अभाव में कार्य में व्यवधान व विलम्ब उत्पन्न होने कि संभावना है, के संबंध में सुझाव प्रदान करने का कष्ट करें। मांगे गए सुझाव दिनांक 11/11/2022 तक उपलब्ध कराये, ताकि तत्संबंध में यथाशीघ्र अग्रिम अर्यवाही की जा सके।
वहीं इस संबंध में मध्य प्रदेश विद्युत मंडल तकनीकी कर्मचारी संघ के प्रांतीय महासचिव हरेंद्र श्रीवास्तव का कहना है कि जो बात संघ लगातार कह रहा है, आखिरकार वो बात बिजली कंपनी ने मान ली कि नियमित कर्मियों की बेहद कमी है। हालांकि संविदा कर्मचारियों को नियमित कर्मचारियों की भांति भत्ते एवं सुविधा दिए जाने की बात भ्रमित करने वाली है। संघ की मांग है कि सभी बिजली कम्पनियों के संविदा कर्मचारियों की यथाशीघ्र नियमित किया जाए।