Monday, November 18, 2024
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काम पुलिस जैसा लेकिन होमगार्ड सैनिकों को वेतन की जगह मिलता है मानदेय, सेवानिवृत्ति के बाद नहीं मिलती पेंशन

पुलिस आरक्षक के समान कार्य करने वाले होमगार्ड सैनिकों को पुलिस आरक्षक के समान न तो वेतन दिया जा रहा है और न ही सेवानिवृत्ति के बाद पेंशन की सुविधा मिलती है, इतना ही नहीं होमगार्ड सैनिकों को वेतन के स्थान पर मानदेय दिया जाता है। मध्य प्रदेश आधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के संरक्षक योगेंद्र दुबे एवं जिला अध्यक्ष अटल उपाध्याय ने बताया है कि एक समान कार्य का एक समान वेतन होमगार्ड सैनिकों को नहीं दिया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि होमगार्ड सैनिकों को 33 से 35 वर्ष (पूरे सेवाकाल के पश्चात) रिटायर होने पर पेंशन, उपादान, भविष्य निधि, अवकाश नगदीकरण का लाभ नहीं दिया जा रहा है। मध्य प्रदेश आधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष जितेंद्र सिंह, प्रदेश संयोजक एसबी सिंह, प्रदेश प्रवक्ता सुभाष शर्मा ने बताया है कि होमगार्ड सैनिकों को सेवानिवृत्ति के पश्चात यह लाभ ना मिलना विभागीय अधिकारियों की गलती का नतीजा है, उनके द्वारा होमगार्ड सैनिकों के हित की योजना तैयार कर विभाग प्रमुख तक ना भेजने के कारण ही आज वह इन लाभों से वंचित है।

होमगार्ड विभाग में 35 से 40 वर्ष की सेवा करने के पश्चात सेवानिवृत होने वाले होमगार्ड सैनिकों  को न ही पुलिस आरक्षक जैसा वेतनमान दिया जाता है न ही होमगार्ड कर्मचारियों के सेवा में रहते निधन पर उनके परिजनों को अनुकंपा नियुक्ति का लाभ दिया जाता है। सेवा के दौरान मृत होने पर  आर्थिक लाभ, (एक्सग्रेसिया) ग्रेच्युटी, भविष्य निधि, अवकाश नगदीकरण या अन्य लाभ नहीं दिए जाते हैं।  होमगार्ड कर्मचारियों को पुलिस विभाग के कर्मचारियों के समान शासकीय आवास एवं नियमित कर्मचारियों की तरह अवकाश की पात्रता भी नहीं दी जाती है, जबकि होमगार्ड के  सैनिक पुलिस विभाग के कर्मचारियों के समान सेवाएं प्रदान करते हैं।   

प्रदेश में कार्यरत हजारों होमगार्ड सैनिक बिना पेंशन के ही सेवानिवृत्त होने के पश्चात मजदूरी कर अपना जीवन यापन करने को मजबूर है। जबकि प्रदेश शासन कर्मचारियों को समस्त लाभ दे रही है। विभागीय अधिकारियों द्वारा होमगार्ड कर्मचारियों को पुलिस कर्मचारियों के समान नियमित वेतनमान, अनुकंपा नियुक्ति, पेंशन, उपादान, अवकाश नगदीकरण, भविष्य निधि में जमा पैसा देने के प्रस्ताव शासन को ना भेजे जाने के कारण ही शासन द्वारा इसमें सार्थक निर्णय नहीं लिए जा पा रहे हैं, होमगार्ड सैनिकों को लाभ न मिलना पूरी तरह से विभागीय अधिकारियों की जिम्मेवारी है।

मध्य प्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा जबलपुर जिला अध्यक्ष अटल उपाध्याय, संतोष मिश्रा, केके चढ़ार, विश्वदीप पटेरिया, राजेंद्र तेकाम, धीरेंद्र सिंह, अजुर्न सोमवंसी, इंद्रप्रताप यादव, राजू मस्के, प्रसांत सोंधिया, मुकेश मरकाम, योगेंद्र मिश्रा, ब्रजेंद्र मिश्रा, विनय नामदेव, सतीश उपाध्याय, अजय दुबे, योगेन्द्र मिश्रा, आसुतोष तिवारी ने होमगार्ड सैनिकों को पुलिस आरक्षकों के समान समस्त लाभ दिए जाने की मांग की है।

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