योग गुरु बाबा रामदेव ने कोरोना संक्रमण के उपचार के लिए पतंजलि आयुर्वेद द्वारा निर्मित कोरोनिल टैबलेट को विश्व स्वास्थ्य संगठन से सर्टिफाइड किये जाने के बाद फिर से लांच किया। बाबा रामदेव ने दावा किया कि आयुष मंत्रालय ने करोनिल टैबलेट को कोरोना की दवा के तौर पर स्वीकार कर लिया है। इस दौरान केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन और सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी मौजूद रहे।
पतंजलि का दावा है कि कोरोना के उपचार के लिये कोरोनिल टैबलेट को सीओपपी, डब्ल्यूएचओ, जीएमपी प्रोटोकॉल और सर्टिफिकेशन सिस्टम के अनुसार सहायक दवा घोषित किया है। पतंजलि का दावा है कि 70 प्रतिशत मरीज तीन दिन में दवा के इस्तेमाल से ठीक हो गए।
स्वामी रामदेव इससे पहले जून 2020 में कोरोनिल लांच कर चुके हैं। जो कोरोना से बचाव में इम्युनिटी बूस्टर की तरह इस्तेमाल हो रही है। इस मौके पर स्वामी रामदेव ने कहा पतंजलि ने सैंकड़ों रिसर्च पेपर अभी तक पब्लिश किए हैं। वैज्ञानिक तथ्यों के साथ हमने पूरी दुनिया के सामने रखा है। स्थापित तथ्यों के उलट हमने डायबिटिक के रोगियों को गैर डायबिटिक करके कोरोना जैसी महामारी के ऊपर भी एक प्रामाणिक कार्य किया है।
उन्होंने कहा कि कोरोनिल से लेकर अलग-अलग बीमारियों पर जो पतंजलि ने शोध किया है, उस पर 9 रिसर्च पेपर पब्लिश हो चुके हैं। हमने कोरोनिल स्वासारी और अणु तेल से लाखों लोगों ने फायदा उठाया, लेकिन कुछ लोगों ने सवाल उठाए। शक के सारे बादल हमने छांट दिए हंै।