बात जब अपनी और देश की बेहतरी की हो तो अनुकरण करना आवश्यक हो जाता है। लॉकडाउन की अवधि बढ़ने से हताश होने की जरूरत नहीं है। ऐसे कठिन वक्त में अपना धैर्य नहीं खोना चाहिए। जहां इतने दिन अनुशासित रहे कुछ दिन और सही। जो भी किया जा रहा है देश हित और हमारे लिए ही तो किया जा रहा है। जिस तरह हम सबने मिलकर कोरोना के खिलाफ शंखनाद किया और दिए जलाएं, उसी तरह इस घोषणा को भी श्रेयस्कर समझकर हिम्मत से काम लेना चाहिए।
आरोग्य सेतू एप्प को आप सब बकवास न समझे, जानिए कि अस्ल में वो है क्या। इस बुरे वक्त में समझदारी का परिचय देना बहुत आवश्यक है।
मार्च और अप्रैल माह परिक्षाएं ही तो लेकर आता है, है न..। तो यही समझ लीजिए कि ये वक्त परिक्षा का है जो बच्चे बूढ़े जवान अमीर गरीब सबको देनी है। और पास होकर दिखाना है। कोरोना हालांकि सिमटने में नही आ रहा परंतु अपने धैर्य, हिम्मत और हौंसले के बल पर हमें इसे हराकर ही दिखाना है। जीवन संबंधी इस विषय में उत्तीर्ण होकर हमें सच्ची मानवीयता, एकता, सद्भावना, सहयोग, अपनेपन और सकारात्मकता का परिचय देना होगा। यही सफलता का मूलमंत्र है। मैं परिवार सहित कोरोना के खिलाफ लड़ाई का जिस तरह पालन करती आई हूँ, आगे भी करूंगी। और अपने देशवासियों से भी यही उम्मीद करती हूँ।
-निधि भार्गव मानवी