मज़दूर दिवस, क्या है मज़दूर दिवस? यह दिवस हमें हमारे देश के मज़दूरों के संघर्ष, चुनौतियों, कठिनाईयों आदि से अवगत करवाता है। यह दिवस हमारे मजदूर भाई-बंधुऔं का गौरव तथा मनोबल बढाता है। मज़दूर दिवस भारत में पहली बार 1 मई 1923 को मनाया गया था। भारत एक ऐसा देश है जहाँ पर मज़दूरों की अत्याधिक संख्या है। हमारे देश में कई बार बुरा बरताव करते देखा गया है और उनकी अत्याधिक मेहनत करने के बावजूद उन्हें वेतन कम दिया जाता था परन्तु जिस दिन से इस दिवस की शुरूआत हुई और उस ही दिन से मज़दूरों को एक नई राह मिली जिसमें मज़दूरों को अपने हक तथा मनोबल को बढ़ाने मे सहायता मिली।
हमारे देश के मज़दूर ही है जो अपने जो अपने जन्मस्थान को छोडकर अपने परिवार के लिए दूर अन्य बड़े-बड़े शहरों मे आ जाते है और यहाँ उन्हे प्रतिदिन संघर्ष करना पङता है, परन्तु फिर भी कई ऐसे बड़े उद्योगपति है जो उन्हे उनके हितों से वंचित कर देते हैं। 2020 जहाँ पूरी दुनिया कोरोना (covid-19) महामारी से ग्रसित है, इस महामारी से जूझ रही है, वहीं हमारे देश के मज़दूरों को भुखमरी का सामना करना पड़ रहा है। परन्तु इस समय मे भी वह अपने परिवारों से दूर अपने काम करने वाली जगह पर रहकर इस मुश्किल घङी का डट कर सामना कर रहे है। हमें हमारे मज़दूरों का हर प्रकार से शुक्रिया अदा करना चाहिए, क्योंकि उन्हीं के कारण भारत देश की नींव अब तक बरकरार है। हमें हमारे मज़दूर भाईयों का हर प्रकार से मनोबल बढ़ाना चाहिए और उनके हक की रक्षा करनी चाहिए।
-दीपिका गौतम