Tuesday, November 26, 2024
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इतिहास के पन्नों में 17 फरवरीः कोई नहीं भूल सकता अंग्रेजों के खिलाफ हथियार उठाने वाले वासुदेव बलवंत फडके को

देश-दुनिया के इतिहास में 17 फरवरी की तारीख तमाम अहम वजह से दर्ज है। इस तारीख का संबंध भारतीय स्वतंत्रता संग्राम और सशस्त्र क्रांति के प्रथम पुरुष वासुदेव बलवंत फडके से है। चार नवंबर, 1845 को जन्मे भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के क्रांतिकारी फडके ने 17 फरवरी 1883 को आखिरी सांस ली थी। वो भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के ऐसे क्रांतिकारी हैं, जिन्हें आदि क्रांतिकारी कहा जाता है। वह ब्रिटिशकाल में किसानों की दयनीय दशा को देखकर विचलित हो उठे थे। उनका दृढ़ विश्वास था कि ‘स्वराज’ ही इस रोग की दवा है। फडके का नाम सुनते ही युवकों में राष्ट्रभक्ति की भावना जागृत हो जाती थी। उन्होंने स्वतंत्रता प्राप्ति के लिए सशस्त्र मार्ग का अनुसरण किया। फडके ने अंग्रेजों के विरुद्ध विद्रोह करने के लिए लोगों को जागृत किया। महाराष्ट्र की कोल, भील और धांगड जातियों को एकत्र कर ‘रामोशी’ नाम का क्रांतिकारी संगठन खड़ा किया। अपने इस मुक्ति संग्राम के दौरान धन एकत्र करने के लिए उन्होंने धनी अंग्रेज साहुकारों को लूटा। फडके को तब विशेष प्रसिद्धि मिली जब उन्होंने पुणे नगर को कुछ दिनों के लिए अपने नियंत्रण में ले लिया । 20 जुलाई 1879 को वे बीजापुर में पकड़े गए। अभियोग चला कर उन्हें काले पानी का दंड दिया गया। अत्याचार से दुर्बल होकर अंडमान के कारागृह में उनका देहांत हो गया।

चार नवंबर, 1879 को उनकी जयंती पर अमृत बाजार पत्रिका ने लिखा था –”उनमें वे सब महान विभूतियां समाहित थीं जो संसार में महत्कार्य सिद्धि के लिए भेजी जाती हैं। वे देवदूत थे। उनके व्यक्त्वि की ऊंचाई सामान्य मानव के मुकाबले सतपुड़ा और हिमालय से तुलना जैसी अनुभव होगी।” कहते हैं कि प्लासी युद्ध के 100 साल बाद ब्रिटिश राज के दमनकारी और अन्यायपूर्ण शासन के खिलाफ असंतोष एक क्रांति के रूप में भड़कने लगा। इसने भारत में ब्रिटिश शासन की नींव हिला दी। यह सब फडके जैसे क्रांतिकारियों की वजह से संभव हो सका। सन 1770 से लेकर 1857 तक पूरे देश के रिकॉर्ड में अंग्रेजों के खिलाफ 235 क्रांति या आंदोलन हुए। 1770 में बंगाल का संन्यासी आन्दोलन की याद आते ही रूह कांप जाती है।अंग्रेजों की सेना ने 150 संन्यासियों को गोली मार दी थी।

महत्वपूर्ण घटनाचक्र

1370ः रुडाउ की लड़ाई में जर्मनी ने लिथुआनिया को हराया।

1670 : छत्रपति शिवाजी ने मुगलों को हराकर सिंहगढ़ के किले पर परचम लहराया।

1698ः औरंगजेब ने जिंजी के किले पर कब्जा किया।

1843 : ब्रिटेन ने मियानी की लड़ाई जीतने के बाद पाकिस्तान के सिंध प्रांत के ज्यादातर हिस्से पर कब्जा कर लिया।

1863: जिनेवा में अंतरराष्ट्रीय रेडक्रॉस की स्थापना।

1864ः अमेरिकी गृहयुद्ध के दौरान एचएल हनली नामक पनडुब्बी ने पहली बार एक युद्धपोत को नेस्तनाबूत किया।

1882: सिडनी क्रिकेट ग्राउंड पर पहला टेस्ट मैच ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच खेला गया। ऑस्ट्रेलिया ने मैच पांच विकेट से जीता।

1867ः स्वेज नहर से पहली बार जहाज गुजरा।

1878ः सैन फ्रांसिस्को शहर में पहली बार टेलीफोन एक्सचेंज खोला गया।

1915 :महात्मा गांधी ने पहली बार शांति निकेतन की यात्रा की।

1927ः वीर वामनराव जोशी के रणदुंदुभी नाटक का मुंबई में मंचन। इसमें दीनानाथ मंगेशकर ने तेजस्विनी की भूमिका निभाई।

1931 : लॉर्ड इरविन ने दिल्ली के वाइसरीगल लॉज में महात्मा गांधी का पहली बार भारत की जनता के लोकप्रिय नेता के रूप में स्वागत किया।

1933ः अमेरिका में साप्ताहिक पत्रिका न्यूजवीक का प्रकाशन शुरू।

1947ः सोवियत संघ में वायस ऑफ अमेरिका का प्रसारण शुरू।

1959: दुनिया के पहले वेदर सैटेलाइट वेनगार्ड-2 को अमेरिका ने लॉन्च किया।

1962ः जर्मनी के हैम्बर्ग में तूफान से 265 लोगों की मौत।

1979 : युद्ध के बाद वियतनाम ने चीन की बजाय सोवियत संघ से अपनी नजदीकियां बढ़ाईं और उसके कुछ चीन विरोधी और सोवियत समर्थक कदमों के चलते चीन ने अपने इस पड़ोसी देश पर हमला कर दिया।

1987: ब्रिटेन में शरण मांग रहे श्रीलंका के तमिलों के एक समूह को जब उनके देश वापस भेजने का प्रयास किया गया तो उन्होंने कपड़े उतारकर विरोध प्रकट किया।

1996 : इंडोनेशिया में भीषण भूकंप और उसके बाद सुनामी के कारण 100 से ज्यादा लोगों की मौत। 400 से ज्यादा घायल। 50 से ज्यादा लोग लापता।

1996ः रूस के शतरंज ग्रैंडमास्टर गैरी कास्पोरोव ने ‘डीप ब्लू’ नामक एक सुपर कंप्यूटर को परास्त किया।

1997: नवाज शरीफ पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बने।

1999ः भारतीय मूल की प्रीति बंसल न्यूयार्क प्रांति की सॉलिसिटर जनरल बनीं।

1999ः पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने मुल्क की सभी सैनिक अदालतों को अमान्य किया।

2000ः संयुक्त राष्ट्र शैक्षणिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक विकास संगठन ने बांग्लादेश के अनुरोध पर 21 फरवरी को सम्पूर्ण विश्व में मातृभाषा दिवस मनाने का निश्चय किया।

2002ः नेपाल में माओवादियों के हमले में सेना व पुलिस के 129 जवानों सहित 138 की हत्या। जवाबी कार्रवाई में 100 से अधिक विद्रोही मारे गए।

2004 : फूलन देवी हत्याकांड का मुख्य आरोपित शमशेर सिंह राणा तिहाड़ जेल से फरार।

2005 : बांग्लादेश की विवादास्पद लेखिका तसलीमा नसरीन ने भारतीय नागरिकता का अनुरोध किया।

2006ः संयुक्त राज्य अमेरिका ने पाकिस्तान को आतंकवादी शिविद बंद करने को कहा।

2008ः कोसोवो ने सर्बिया से स्वतंत्र होने की घोषणा की।

2009 : भारत निर्वाचन आयोग ने चुनाव के दौरान अंतिम चरण का मतदान समाप्त होने तक एग्जिट पोल के प्रसारण पर रोक लगाई।

2014: सऊदी अरब की सोमाया जिबार्ती देश की पहली महिला मुख्य संपादक बनीं। उन्हें ‘सऊदी गजट’ अखबार का मुख्य संपादक बनाया गया।

2016ः तुर्किये की राजधानी अंकारा में कुर्द आतंकवादियों के कार बम धमाके में 28 लोगों की मौत राहुल।

जन्म

1792ः प्रसिद्ध क्रांतिकारी और ‘लरका विद्रोह’ शुरू करने वाले बुधु भगत।

1899ः बांग्ला भाषा के प्रसिद्ध कवि और लेखक जीवनानन्द दास।

1954ः तेलंगाना के प्रथम मुख्यमंत्री के. चन्द्रशेखर राव।

1963ः बास्केटबाॅल के महानतम खिलाडी माइकल जोर्डन। हवा में कुलांचे भरते कदमों के कारण उन्हें ‘एयर जोर्डन’ के नाम से पुकारा गया।

निधन

1883ः ब्रिटिश साम्राज्य के खिलाफ हथियारबंद संघर्ष की शुरुआत करने वाले क्रांतिकारी वासुदेव बलवंत फड़के।

1909ः अमेरिकी साम्राज्य के खिलाफ संघर्ष छेड़ने वाले अश्वेत अपाचे योद्धा जेरेनिमो।

1958ः गांधी जी की अनुयायी पेरीन बेन।

1968ः मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश नाथ काटजू।

1986ः दार्शनिक जे कृष्णमूर्ति (जिद्दू कृष्णमूर्ति )।

1988ः बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर।

1993ः भारतीय स्वतंत्रता सेनानी रानी गाइदिनल्यू ।

1994ः गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री चिमनभाई पटेल।

2004ः मेक्सिको के राष्ट्रपति जोस लोपेज पोरेटील्लो।

2007: महिला उत्थान को समर्पित और गांधीवादी अरुणाबेन देसाई।

2017ः हिन्दी के प्रसिद्ध उपन्यासकार वेद प्रकाश शर्मा।

दिवस

-क्रांतिकारी वासुदेव बलवंत फडके की पुण्यतिथि।

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