पांचवी अभिव्यक्ति तीन दिवसीय वार्षिक कला प्रदर्शनी का उद्घाटन करते हुए वरिष्ठ चित्रकार सुरेश श्रीवास्तव ने कहा कि नवोदित व युवा चित्रकारों को अवार्ड की चिंता किए बिना अपनी अनूठी शैली विकसित करनी चाहिए। चित्रकार की पहचान व सम्मान उसकी शैली से ही होती है। रानी दुर्गावती संग्रहालय की कला वीथिका में इस तीन दिवसीय समूह कला प्रदर्शनी में जबलपुर, भोपाल व ग्वालियर के 15 चित्रकारों की 50 कृतियों का प्रदर्शन किया गया है। इन कृतियों में चित्रकला, मूर्ति कला, रि-साइकिल लेम्प शामिल हैं।
प्रदर्शनी की मूल थीम रचनात्मक विचार की एक आत्म अभिव्यक्ति है। इस प्रदर्शनी को क्रिएटिव कला क्यूरेट कर रही है। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि संतोष तिवारी ने कहा कि पांचवी अभिव्यक्ति वार्षिक कला प्रदर्शनी निश्चित ही नए चित्रकारों व कलाकारों के लिए उचित प्लेटफार्म साबित होगा। उन्होंने प्रदर्शनी में प्रदर्शित कृतियों को अद्भुत बताया। अतिथियों का स्वागत अनूप श्रीवास्तव व अमित सिन्हा ने किया।
प्रदर्शनी में अनूप श्रीवास्तव, अभय सोंधिया, अमित कुमार सिन्हा, आकाश जाटव, हरीश गुप्ता, प्रगति पटेल, प्रीति देवी, रितिका नामदेव, राज गोस्वामी, संचिता सांत्रा गुप्ता, श्रेयांस विश्वकर्मा, सूर्यांश नीखरे, स्वाति भावेदी, उज्जवल ओझा व विष्णु गंगाराम के चित्र, मूर्ति व रि-साइकिल लेम्प प्रदर्शित होंगे। अमित सिन्हा ने आभार प्रदर्शन व कार्यक्रम का संचालन पंकज स्वामी ने किया। प्रदर्शनी 29 व 30 मई को प्रातः 11 से रात्रि 9 बजे तक अवलोकनार्थ खुली रहेगी।