कोलकाता (हि.स.)। भारत की आर्थिक नींव को मजबूत करने के लिए देश की जनसंख्या और देश के मानचित्र पर ध्यान देना आवश्यक है। युवा आबादी और तकनीक भारत की सबसे बड़ी ताकत है और महाशक्ति बनने के लिए इनका उपयोग जरूरी है। 2024-25 के केंद्रीय बजट पर कोलकाता में गुरुवार देर शाम आयोजित आर्थिक विशेषज्ञों की परिचर्चा के दौरान मशहूर अर्थशास्त्री डॉ. सुमन के. मुखर्जी ने उपरोक्त बातें कही। अपने विस्तृत विश्लेषण में उन्होंने भारत की आर्थिक प्रगति के विभिन्न पहलुओं का वर्णन करते हुए केंद्र सरकार की आर्थिक नीतियों को समर्थन योग्य बताया।
डॉ. सुमन मुखर्जी ने कहा कि भारत की 65 फीसदी आबादी 40 वर्ष से अधिक और आधे लोग 25 वर्ष से अधिक आयु के हैं। भारत के विभिन्न जनसमूहों में कई तरह की विविधताएं हैं। लेकिन संभावनाशील जनसमूह को अधिक उत्पादक बनाकर प्रगति के कार्यों में शामिल करना होगा। उन्हें कौशलयुक्त बनाना होगा और तकनीक का अधिकतम उपयोग करना होगा।
सुमन मुखर्जी ने प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की कमी पर चिंता जताई और कहा, “यह चिंताजनक है। केवल ध्वज फहराने से काम नहीं चलेगा। एफडीआई आकर्षित करने के लिए अनुकूल माहौल और बुनियादी ढांचा तैयार करना होगा। उन्होंने कहा कि ‘मुद्रा’ योजना भी पर्याप्त प्रतिक्रिया नहीं दे पाई है। छोटे उद्यमियों के पास पर्याप्त विकास के अवसर नहीं हैं। इस क्षेत्र को और मजबूत बनाना होगा।
पिछले तीन दशकों में भारत की आर्थिक गति का विश्लेषण करते हुए उन्होंने किसान आंदोलन की आलोचना की। उन्होंने कहा कि कृषि हमारी एक ताकत है, लेकिन हम इस क्षेत्र में अपेक्षित प्रगति नहीं कर रहे हैं। निवेशकों को कृषि में लाना होगा और प्रगति की गति बढ़ानी होगी।
डॉ. मुखर्जी ने अधिक लोगों को जीएसटी के दायरे में लाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में लोग हॉकर्स, दुकानदार और इस प्रकार के व्यवसाय में हैं। उनके पास से पैसा विभिन्न तरीकों से स्थानीय पार्टियों तक जा रहा है, जो सरकार तक नहीं पहुंच रहा है।
सुमन मुखर्जी ने कहा कि भारत पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के लक्ष्य की ओर बढ़ रहा है। अधिकांश देशों की अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में भारत आगे है। इस दिशा में बुनियादी ढांचा एक महत्वपूर्ण स्तंभ है और तकनीक की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि कोई तकनीक नहीं, कोई वृद्धि नहीं। हमें तेजी से, और तेजी से, और तेजी से बढ़ना होगा।” उन्होंने डिजिटलीकरण पर जोर देने की आवश्यकता पर भी बल दिया।
चर्चा में एसबीआई लाइफ की क्षेत्रीय निदेशक स्वीटी शेट्टी ने भी अपने विचार व्यक्त किए। एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस के क्षेत्रीय प्रबंधक अक्षय शेट्टी ने कहा, “लोगों की औसत आयु बढ़ रही है। साठ वर्ष से अधिक आयु वालों के लिए अधिक अवसर देने की आवश्यकता है।”
टैक्स कंसलटेंट नारायण जैन ने इस बजट में ‘नई कर व्यवस्था’, हाउस रेंट इनकम, पार्टनर्स को रेमुनरेशन और कानूनी विवादों में ट्राइब्यूनल, हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में जाने के नए सुधारों की घोषणा का उल्लेख किया। आयकर विभाग के पूर्व आयुक्त आर.एस. उपाध्याय ने अपने भाषण में बजट में ‘उपभोग को बढ़ावा’ और ‘सर्च और सीजर’ की महत्ता पर जोर दिया। कर विशेषज्ञ और वकील एस.एम. सुराना ने बजट के सकारात्मक पहलुओं पर प्रकाश डाला।
मंच पर उपस्थित उद्यमियों में अशोक पुरोहित, पवन पहाड़िया आदि शामिल थे। इस चर्चा सत्र का आयोजन कैलकटा सिटिज़न्स इनिशिएटिव, राजस्थान बंगाल मैत्री परिषद, कंसर्न फॉर कलकत्ता, नेशनल कंपनी लॉ ट्राइब्यूनल और कोलकाता बार एसोसिएशन के संयुक्त तत्वावधान में किया गया।