अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर विशेष: लेट्स इंस्पायर बिहार अररिया चैप्टर की एक सार्थक पहल

8 मार्च अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर अररिया जिले की लेखिका, सामाजिक कार्यकर्ता, आरएसएस जिला संयोजिका व महिला सशक्तिकरण को समर्पित स्वंयसेवी संस्था स्नेहा फाउंडेशन की संस्थापक स्नेहा किरण ने लेट्स इंस्पायर बिहार अररिया चैप्टर के संयुक्त तत्वाधान में जिले में महिलाओं से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर मीडिया से बात की। साथ ही मीडिया के माध्यम से पूरे बिहार भर में चर्चित इस अभियान की सार्थकता पर प्रकाश डाला व अधिक से अधिक युवाओं को इस मुहिम का हिस्सा बनने का अनुरोध किया।

माहवारी संक्रमण विषय पर ग्रामीण महिलाओं के बीच जन जागरूकता फैलाना स्नेहा फाउंडेशन का संकल्प है। इसके लिए संस्था द्वारा दूर-दराज के गांवों में जाकर वहां की महिलाओं से इस विषय पर जन-जागरूकता फैलाना और सैनिटरी पैड्स के फायदे गिनवाने के साथ इसका वितरण करना समय-समय पर जारी है। क्योंकि माहवारी संक्रमण जैसे विषय पर अभी भी जमीनी स्तर पर काम करने की जरूरत है और इस विषय पर संक्रमित महिलाओं को सहयोग के लिए सरकारी अस्पतालों की हालत तो और भी दयनीय है।

महिलाओं की शारीरिक-स्वच्छ्ता इस देश के सबसे महत्वपूर्ण विषयों में से एक होनी ही चाहिए। महत्वपूर्ण विषयों से मतलब खालिस महत्वपूर्ण। क्योंकि हमारा सामाजिक ताना -बाना ही ऐसा है। इस विषय से आपके मानसिक-स्वास्थ्य का भी उतना ही गहरा रिश्ता है, जितने की आपके शारीरिक स्वास्थ्य का, इसे उपेक्षित रखना बहुत ही हास्यापद होगा, हम सबके लिए, क्योंकि कालांतर में इसके परिणाम भी तो हम सबको ही भुगतने होंगे। इसलिए बेहतर होगा की समय रहते इसे विमर्श का मुद्दा बनाया जाए। 

इस पर समाज के हर वर्ग के लोगों के बीच खुली बहस हो। यही एकमात्र विकल्प है इस वर्जित विषय को आम से आम और खास से खास महिला के बीच सहज बनाने का। इन सबमें मीडिया ग्रुप खासकर प्रिंट से लेकर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की भूमिका बेहद आवश्यक है और समय की मांग भी। अखबारों की भूमिका किसी भी जन-जागृति के लिए मौजूदा दौर का सबसे सशक्त  माध्यम है। इसलिए यहाँ किसी महत्वपूर्ण मुद्दे को जगह देना उसके निराकरण के रास्ते में अमली जामा पहनाने जैसा ही है।

महिला सशक्तिकरण को समर्पित स्वंयसेवी सदस्यों की सामाजिक संस्था स्नेहा फाउंडेशन ग्रामीण महिलाओं के बीच माहवारी संक्रमण जैसे संवेदनशील विषय पर जागरूकता फैलाने के लिए संकल्पवान है। साथ ही इसके लिए हमें एक समान सोच के युवाओं का साथ भी चाहिए। पिछले वर्ष 22 मार्च को बिहार दिवस के दिन पूरे बिहार भर में लेट्स इंस्पायर बिहार मुहिम शुरू की गई थी। जिसमें समाज के हर तबके के लोगो को शामिल करने का उद्देश्य रखा गया है, खासकर युवा वर्ग को सबसे ज्यादा। क्योंकि युवावर्ग में असीम शक्ति समाहित है। जरूरत है तो बस उसे सही दिशा देने की।

उद्यमिता, शिक्षा और समानता को लेकर यह अभियान शुरु किया गया है। इसके तहत बिहार के सभी जिलों में कमेटियां गठित की गई है। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य समाज के हर आयु वर्ग के लोगो खासकर युवाओं के बीच शिक्षा, समानता और उधमिता को बढ़ावा देना है। प्राचीन काल से ही बिहार की एक अपनी गौरवशाली सांस्कृतिक विरासत रही है। यहां समाज के लिए अपना आदर्श प्रस्तुत करने प्रेरणाप्रद व्यक्तित्व की कोई कमी नहीं रही है।

हमारे पास हर प्रकार के साधन और संसाधन उपलब्ध है, बावजूद इसके आज भी हमारा राज्य एक पिछड़े राज्य की गिनती में आता है। जो एक बेहद ही दुःखद स्थिति है। समय आ गया है कि हम सब युवाओं को बिहार को एक विकसित राज्य बनाने के लिए समता, उद्यमिता और शिक्षा के क्षेत्र में एक साथ मिलकर काम करना है। अररिया के तमाम सक्रिय युवाओं से स्नेहा ने यह अनुरोध किया है की अधिक से अधिक इस अभियान से जुड़कर एक  समृद्ध और विकसित बिहार के निर्माण हेतु अपना एक सार्थक योगदान दे। क्योंकि यह अभियान किसी एक व्यक्ति  विशेष का नहीं बल्कि पूरे बिहारवासियों का है। बिहार के कोने-कोने तक इस मुहिम को पहुंचाना हमारा लक्ष्य है जो सबके सम्मिलित प्रयासों से ही संभव है।

स्नेहा किरण कहती हैं कि आज का युवा वर्ग बहुत भाग्यशाली है, क्योंकि वो इंटरनेट क्रांति के उस दौर में है जहां वो ख़ुद को साबित करने के साथ-साथ अपना आंशिक योगदान देकर सामाजिक कार्यों के द्वारा और मीडिया के माध्यम से अन्य भटके हुए दिग्भ्रमित युवाओं को प्रेरित कर सकता है। उन्होंने कहा कि लेट्स इंस्पायर बिहार इस मुहिम को शुरू करने के पीछे एक महत्वपूर्ण बात यह भी है की अपना बिहार जो कभी विश्व को नेतृत्व करने में सक्षम था, उस बिहार के तमाम सांस्कृतिक विरासतों और ऐतिहासिक धरोहरों को फिर से युवाओं के बीच जीवंत किया जाए और उन सब में नवीन उत्साह का संचार किया जाए।