भारतीय संस्कृति एवं विरासत हम भारतीयों की पहचान है। पूंजी है। धरोहर है। जिसका संरक्षण और पुनरुद्धार होना हम सभी भारतीयों के लिए गर्व की बात है। हमारा उत्तरदायित्व है कि हम अपनी भारतीय संस्कृति को सहेज कर, संभाल कर रखें। वर्षों पुरानी और विवादित राम जन्म भूमि आज अस्तित्व में आई है।
मुगल काल से ही धर्म और संप्रदाय के नाम पर विवाद चलता आ रहा है। 1527-28 में बाबर ने भारत पर आक्रमण किया राम मंदिर की जगह मस्जिद बनाने के आदेश दे दिए गए। भारतीय संस्कृति को खंडित कर मुगल आधिपत्य जमाना धर्म और संप्रदाय के नाम पर सबसे बड़ा विवाद का मुद्दा बन गया। वर्ष 1992 में विवादित ढांचे को गिराए जाने के बाद शाहजहांपुर-जलालाबाद के रहने वाले साहित्यकार विष्णु चंद्र गुप्ता “विजीगीषु” का आक्रोश फूट पड़ा और उसी वक्त एक काव्य गोष्ठी में कसम खाई और एक कविता के रूप में जो शब्द निकले, वो आज जीवंत हो गए।
वो शब्द थे-
सौगंध राम की खाते हैं, हम मंदिर वहीं बनाएंगे
जहां राम ने जन्म लिया हम मंदिर वहीं बनाएंगे
कवि विष्णु चंद्र गुप्ता का सपना आज पूरा हो गया, ऐसा प्रतीत होता है जैसे उनके शब्दों में शक्ति हो। वास्तव में देखा जाए तो कवि विष्णु चंद्र गुप्ता के उन्नीस सौ ब्यानवे के शब्द आज दो हजार चौबीस में साकार हुए हैं।
सरयू नदी के तट पर बसी अयोध्या नगरी के राम मंदिर विवाद स्थल पर वर्ष 2003 में पुरातत्व विभाग लखनऊ निदेशक के के. मोहम्मद के निर्देशन में सर्वे किया गया तो बाबरी मस्ज़िद की जगह पर मंदिर होने के अवशेष प्राप्त हुए।
विविध तथ्यों के जानकारी के पश्चात ज्ञात हुआ कि यह मुद्दा हाईकोर्ट कमान को सौंप दिया गया और 30 सितंबर 2010 को इलाहबाद हाईकोर्ट लखनऊ खंडपीठ ने निर्णय सुनाया कि जहां रामलला विराजमान हैं वहां केवल और केवल मंदिर की भूमि है। वहां मंदिर ही स्थापित होगा।
वर्षों तक ये सपना केवल सपना ही रहा, लेकिन हिंदुस्तान की कमान थामने का सुअवसर वर्तमान प्रधानमंत्री श्रीमान नरेंद्र मोदी को मिला। आज हमारा देश हर क्षेत्र में विकास के पथ पर अग्रसर होता नज़र आ रहा है।
असंभव कार्य को संभव कर देने वाले मोदी जी, जो आज देशवासियों के ही नही अपितु समूचे विश्व के लोकप्रिय नेता बन गए हैं। जिन्होंने देशवासियों को जो सपने दिखाए , वो करके भी दिखाए। आज हमारी मोदी सरकार ने ही कवि विष्णु चंद्र गुप्ता एवं करोड़ों हिंदुओं के सपने को साकार किया है।
आज विवादित ढांचे को नया स्वरूप मिल गया है। जिस राम मंदिर का अयोध्या में 5 अगस्त 2020 को प्रधानमंत्री मोदी जी द्वारा भूमि पूजन किया गया। आज यह भव्य राम मंदिर बन कर तैयार हुआ है। इस मंदिर के निर्माण कार्य को पूरा होने में 3 वर्ष, 9 माह, 1 सप्ताह, 2 दिन लगे हैं।
इस मंदिर में श्री राम की मूर्ति बनाने के लिए कुल तीन मूर्तिकारों का चयन किया गया, जिसमे दो कर्नाटक से और एक राजस्थान के मूर्तिकार शामिल हैं। अभी तक के सूत्रों से ज्ञात हो रहा है कि कर्नाटक के प्रसिद्ध मूर्तिकार अरुण योगिराज द्वारा बनाई गई मूर्ति को ही स्थापित किया जाना है। जिसकी प्राण प्रतिष्ठा मुख्य रूप से गागा भट्ट ब्राह्मण के वंशज के हाथों होगी एवं अनेक संत, महंत शामिल होंगे। श्री राम की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी 2024 को की जाएगी।
समस्त देशवासियों को भव्य राम मंदिर की स्थापना के उपलक्ष्य में हार्दिक बधाई एवं अनंत शुभकामनाएं। फिर से सजेगी अयोध्या, फिर से जलेंगे घर-घर घृत दीप, फिर से झूमेंगे देशवासी, फिर से लहराएगी पताका श्री राम की।
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