जबलपुर नगर की सुपरिचित कथाकार इस्मिता माथुर के कहानी संग्रह ‘तुम्हारी कहानी’ का प्रकाशन अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 8 मार्च को हो रहा है। कहानी संग्रह चेन्नई के नोशन प्रेस द्वारा प्रकाशित किया गया है। लगभग तीन सौ पृष्ठों का यह कहानी संग्रह अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पेपरबैक व साफ्टकापी में उपलब्ध रहेगा। पुस्तक प्रेमी इसे ऑनलाइन भी खरीद सकेंगे।
इस्मिता माथुर लगभग 28 वर्षों तक मध्यप्रदेश राज्य विद्युत मण्डल व पावर ट्रांसमिशन कंपनी में संचार अभियंता के रूप में कार्यरत रहीं। इस दौरान लगभग दस वर्षों तक महिला शिकायत समिति की सदस्य के रूप में महिलाओं की कई समस्याओं के प्रति गहरी अंतर्दृष्टि प्राप्त करने का अवसर मिला।
‘तुम्हारी कहानी’ में इस्मिता माथुर की इकत्तीस रचनाएँ समाहित हैं। उन्नीसवीं सदी की, घर की चारदीवारी में क़ैद रहने वाली नारी, अंग्रेज़ों की गुलामी का काल, स्वतंत्र भारत और आज की प्रगतिशील नारी, जो जीवन में निरन्तर उच्च सोपानों पर चढ़ती जा रही है, इन सभी का प्रतिबिंब, ये कहानियाँ, नारी जीवन की सौ साल से अधिक समय की यात्रा को दर्शाती हैं। इन कहानियों की नायिका नारी हमारे आस-पास की ही है। ये कोई लीडर या सिने तारिका नहीं है, वरन् एक आम स्त्री है, जो अपना बचपन पितृ-गृह में, युवावस्था पति के सानिध्य में और वृद्धावस्था पुत्र पर आश्रित होकर बिताती है।
हर स्त्री, हर नारी की अपनी जीवन यात्रा होती है, जिसमें सुख-दुःख, धूप-छाँव, प्यार-अवसाद और संघर्ष सभी कुछ होता है। किन्तु, उसके जीवन के साथ, उसकी ये कहानी भी, कहीं गुम हो जाती है। कोई बेटी, कोई बहू या रिश्तेदार उसे कभी-कभी याद कर लेते हैं और वह एक फोटो फ्रेम में सिमट कर रह जाती है । उसी आम सी लगने वाली नारी को प्रतिबिंबित करती है, “तुम्हारी कहानी”, जिसमें उसकी छोटी-छोटी खुशियाँ, छोटे-छोटे दर्द और जीवन का संघर्ष समाया हुआ है। नारी-मन में छुपा पति और प्रियतम का प्यार और मधुर दाम्पत्य भी इनमें प्रतिबिम्बित होता है।